Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कोलकाता में एक बड़ा विरोध मार्च निकाला. यह मार्च बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ था. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव अभिषेक बनर्जी और अन्य नेता भी शामिल हुए. मार्च दोपहर 1:45 बजे कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुआ और धर्मतला के डोरीना क्रॉसिंग पर खत्म हुआ. हजारों लोग इस मार्च में शामिल हुए.
3 किलोमीटर लंबे मार्च के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे. करीब 1,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए. बैरिकेड्स लगाए गए और आसपास की इमारतों की निगरानी हुई. शहर की कई मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. राज्य के अन्य जिलों में भी TMC ने विरोध प्रदर्शन किए.
ममता ने बीजेपी शासित राज्यों पर बंगालियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने ओडिशा में मजदूरों की हिरासत, दिल्ली में बेदखली अभियान और असम में कूच बिहार के एक किसान को नोटिस जैसी घटनाओं का जिक्र किया. TMC का कहना है कि बंगालियों को “अवैध प्रवासी” कहकर उनकी पहचान पर हमला हो रहा है. यह मार्च 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले TMC की रणनीति का हिस्सा है. पार्टी बंगाली गौरव को केंद्र में रखकर मतदाताओं से भावनात्मक जुड़ाव चाहती है. TMC आमतौर पर 21 जुलाई की शहीद दिवस रैली से पहले बड़े प्रदर्शन नहीं करती. लेकिन हाल की घटनाओं ने पार्टी को सड़कों पर उतरने को मजबूर किया.
विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि “बंगाली अस्मिता” की बात “रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशियों” को छिपाने की कोशिश है. अधिकारी ने ममता से पूछा कि उन्होंने भ्रष्टाचार के कारण नौकरी गंवाने वाले बंगाली शिक्षकों की अनदेखी क्यों की. उन्होंने प्रशासनिक नियुक्तियों में गैर-बंगालियों को तरजीह देने का भी आरोप लगाया. अधिकारी ने ममता से सवाल किया कि बंगाली अधिकारियों, अत्री भट्टाचार्य और सुब्रत गुप्ता, को मुख्य सचिव का पद क्यों नहीं दिया गया. इसके बजाय कनिष्ठ मनोज पंत को क्यों चुना गया?
उन्होंने यह भी पूछा कि वरिष्ठ आईपीएस संजय मुखोपाध्याय को डीजीपी पद से वंचित क्यों किया गया, जबकि कनिष्ठ राजीव कुमार को नियुक्त किया गया. कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने अधिकारी के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि अधिकारी दिल्ली के नेताओं को खुश करने के लिए बयान दे रहे हैं. हकीम ने कहा कि उनकी चाल बंगाल में नहीं चलेगी. TMC बंगाली अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी. ममता का मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से ठीक पहले हुआ. यह 2026 के चुनावों की गर्मी को दर्शाता है. TMC बंगाली गौरव को मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेरेगी. यह सियासी जंग अब और तेज होने वाली है.