प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान के दो दिवसीय यात्रा से वापस लौटते ही दिल्ली पहुंच कर ब्लास्ट में घायल हुए लोगों से मुलाकात की है. उन्होंने लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल का दौरा किया. यहां वे सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट में घायल लोगों से मिले.
मोदी ने पीड़ितों से बात की और उनके इलाज की जानकारी ली. उन्होंने सभी के जल्द ठीक होने की कामना की. अस्पताल के डॉक्टरों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को घायलों की स्थिति बताई. यह दौरा घटना के बाद पीड़ितों को सहारा देने का संदेश देता है.
दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों के शुरुआती पोस्टमार्टम में शरीर के ऊपरी हिस्से में गहरी चोटें मिली हैं. हड्डियां टूटी हुई हैं, सिर पर चोट के निशान हैं. फेफड़े और आंतें फट गए हैं. जिससे पता चलता है कि व्यक्ति की मौत उच्च तीव्रता वाले विस्फोट की वजह से हुई है. पोस्टमार्टम में किसी भी इंसान के कोई छर्रे के निशान नहीं पाए गए. फोरेंसिक टीम ने विस्फोटक की प्रकृति जानने के लिए नमूने रोहिणी प्रयोगशाला भेजे हैं. मृतकों के शरीर से धातु के टुकड़े और बाहरी कण निकले हैं. इनके स्वाब भी जांच के लिए भेजे गए हैं.
दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारियों ने बताया कि एनआईए जांच में मदद कर रही है. सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां दो और सक्रिय आतंकी मॉड्यूल तलाश रही हैं. ये मॉड्यूल विस्फोट करने वाले समूह से जुड़े हैं. हर मॉड्यूल में एक या ज्यादा सदस्य हो सकते हैं. जम्मू कश्मीर और हरियाणा में दो लोगों को पकड़ा गया. ये इसी नेटवर्क से जुड़े थे. गिरफ्तारी के समय तीन हजार किलोग्राम विस्फोटक और अन्य सामान मिला. माना जा रहा है कि ये पूरे भारत में बम धमाकों के लिए थे.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा हमरे पास फरार संदिग्धों के बारे में जानकारी है जिनमें से कुछ की पहचान भी शामिल है. लेकिन हम इस समय और जानकारी साझा नहीं कर सकते क्योंकि अभियान और छापेमारी जारी है. अधिकारी नहीं बता पा रहे कि फरार आतंकवादी विस्फोटक साथ ले जा रहे हैं या नहीं. एक अन्य अधिकारी ने कहा यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि फरार सदस्य अभी भी उन कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें वे भागे थे या उन्होंने उन्हें छोड़ दिया है. पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने और मास्टरमाइंड की पहचान करने के लिए उनकी गिरफ्तारी ज़रूरी है.