PM Modi: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने पर इस मध्य यूरोपीय देश की यात्रा सम्मान की बात है. दोनों देश को सहयोग बढ़ाने के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा करेंगे. पीएम यह बात ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर की सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में कही. पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर रूस और ऑस्ट्रिया रवाना होंगे. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में व्यापार और बढ़ाने पर बात होगी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऑस्ट्रियाई चांसलर नेहमर की एक सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में यह उम्मीद जताई कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होंगे. पीएम ने अपनी पोस्ट में लिखा, मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा की उम्मीद करता हूं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य वह आधार हैं जिस पर दोनों देश साथ मिलकर एक निरंतर घनिष्ठ साझीदारी का निर्माण करेंगे.
इसके पहले, नेहमर ने अपनी एक पोस्ट में लिखा कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के पीएम का वियना में स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक है. नेहमर ने लिखा, यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेरे देश की पहली यात्रा है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे है. हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर करने और कई तरह की भू-राजनीतिक चुनौतियों पर बेहतरीन सहयोग के बारे में बात करने का अवसर भी मिलेगा. नेहमर की टिप्पणी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका आभार जताया.
पुतिन-मोदी मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें टिकी है. 16 सितंबर 2022 को एससीओ बैठक से इतर मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है. यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर इस बयान की दुनियाभर का ध्यान खींचा था. यूक्रेन पर रूस हमले के बाद से पीएम मोदी की यह पहली रूस यात्रा है.जबकि युद्ध के बीच भारत ने पश्चिमी देशों की नाराजगी के बावजूद रूस से तेल और गैस की आपूर्ति जारी रखा और एक निष्पक्ष देश होने की भूमिका निभाई.
पीएम नरेंद्र मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस की यात्रा पर रहेंगे और फिर वहीं से ऑस्ट्रिया जाएंगे. पीएम 9 और 10 जुलाई को ऑस्ट्रिया में रहेंगे. यह चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी. वह ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर से भी मिलेगें. पीएम मोदी और चांसलर नेहमर भारत-ऑस्ट्रिया के शीर्ष उद्यमियों की बैठक को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी वियना में भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे. विश्लेषकों का यह मानना है कि इस दौरे का मकसद मॉस्को और बीजिंग के बीच बढ़ती करीबी को देखते हुए भारत और रूस के रिश्ते की अहमियत को दिखाना भी है और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को संतुलित भी करना है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि पीएम मोदी की यह यात्रा राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापार पर सीधी बातचीत करने का शानदार अवसर है. उन्होंने कहा, व्यापार असंतुलन जैसे कुछ मुद्दे है. इसलिए, जाहिर है कि नेतृत्व स्तर पर यह बैठक महत्वपूर्ण साबित होगी. क्योंकि उनके आदेश के अनुसार ही हम देखेंगे कि रिश्ते को कैसे आगे बढ़ाया जाए. 22वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक अच्छी परंपरा है. लेकिन ऐसे शिखर सम्मेलनों में कुछ कमी आई है. दोनों नेताओं के बीच रूस पर प्रतिबंधों के चलते भुगतान मुद्दा हल करने, रक्षा हार्डवेयर की आपूर्ति, प्रस्तावित चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मैरिटाइम कॉरिडोर में निवेश पर चर्चा के अलावा यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहे भारतीयों के संवेदनशील मुद्दे भी बातचीत की भी संभावना है.