दिल्ली के अस्पताल पहुंचे PM मोदी, शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि! हेमंत सोरेन को लगाया गले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर गंगा राम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने हेमंत सोरेन और उनके परिवार से भी मुलाकात की. मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि देने अस्पताल गया.

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Courtesy: Social Media

PM Modi Pays Tribute to Shibu Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन का आज सुबह दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया. किडनी की समस्या और स्ट्रोक की वजह से उनकी हालत गंभीर थी. एक महीने तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद सुबह 8:56 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हमें छोड़ गए. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर गंगा राम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने हेमंत सोरेन और उनके परिवार से भी मुलाकात की. मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि देने अस्पताल गया. मेरी संवेदनाएं हेमंत जी, कल्पना जी और उनके प्रशंसकों के साथ हैं. उन्होंने शिबू सोरेन को आदिवासियों और गरीबों के लिए समर्पित नेता बताया. पीएम ने कहा कि उनके निधन से मुझे दुख है. ओम शांति.

शिबू सोरेन ने आदिवासियों के लिए किया संघर्ष

शिबू सोरेन आदिवासी समुदाय के नेता थे. रामगढ़ के नेमरा गांव में 11 जनवरी 1944 को जन्म लेने वाले शिबू  संथाल समुदाय से थे. उनके पिता की साहूकारों के गुंडों द्वारा हत्या ने उन्हें संघर्ष की राह दिखाई. उन्होंने 18 साल की उम्र में संथाल नवयुवक संघ बनाया. 1972 में ए.के. रॉय और बिनोद बिहारी महतो के साथ झामुमो की स्थापना की. इस संगठन ने झारखंड को अलग राज्य बनाने में अहम भूमिका निभाई. शिबू सोरेन ने चार दशक तक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई. वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने, हालांकि उनका कार्यकाल छोटा रहा दुमका से आठ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सांसद रहे. 2004-2006 में वे केंद्रीय कोयला मंत्री भी थे. उनकी सादगी और आदिवासी हितों के लिए समर्पण ने उन्हें जन-जन का नेता बनाया.

झारखंड में शोक की लहर  

शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया. राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनका निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में बड़ी क्षति है. कई नेताओं ने उनकी आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को याद किया. शिबू सोरेन की पत्नी रूपी किस्कू, बेटे हेमंत, बसंत और बेटी अंजलि हैं. उनके बड़े बेटे दुर्गा का 2009 में निधन हो गया था. हेमंत अब उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. शिबू सोरेन का योगदान झारखंड की पहचान को मजबूत करने में हमेशा याद रहेगा.
 

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