Priyanka Gandhi Palestine Support: वायनाड सांसद प्रियंका गांधी लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. पहसे संसद में अपने पहले भाषण को लेकर और अब संसद में फिलिस्तीन लिखा हैंडबैग ले जाने के मामले को लेकर. हालांकि इससे पहले वायनाड सांसद ने फिलिस्तीनी राजदूत से मुलाकात की थी. यह तस्वीर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद द्वारा 16 दिसंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की गई थी. भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का उदाहरण बताया.
तस्वीर में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी एक फिलिस्तीन शब्द से सजा हुआ हैंडबैग लेकर चल रही थीं. भाजपा और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे आलोचना का विषय बनाया. एक उपयोगकर्ता ने कहा कि प्रियंका गांधी फिलिस्तीन के समर्थन का प्रतीक दिखाने के लिए यह बैग लेकर चल रही हैं, जबकि अन्य ने इसे विजय दिवस का अपमान बताया है. क्योंकि यह वो दिन था जब भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना को हराया था और प्रियंका इंदिरा गांधी की पोती हैं.
सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है. कुछ यूजर ने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी को भारत की विजय का प्रतीक कोई वस्तु लेनी चाहिए थी, न कि फिलिस्तीन का समर्थन करने वाला बैग. हालांकि इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन को कई बार सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया है. वह गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ लगातार आवाज़ उठाती रही हैं और फिलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता जताती रही हैं. उनका यह समर्थन फिलिस्तीन एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है.
इसके अलावा प्रियंका गांधी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि इजरायली सरकार ने गाजा में नरसंहारकारी कार्रवाई की . प्रियंका गांधी ने गाजा में हो रहे इस संघर्ष को भयानक नरसंहार के रूप में वर्णित किया था. इस पर इजरायल सरकार के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता जताई थी. उन्होंने इसे सभ्यता और नैतिकता के खिलाफ बताया था. प्रियंका ने इस संदर्भ में एक पोस्ट में कहा था कि यह हर सही सोच वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें वे सभी इजरायली नागरिक भी शामिल हैं जो नफरत और हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं. दुनिया की हर सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इजरायल सरकार के नरसंहार कार्यों की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करें.