Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बड़ा और भावनात्मक फैसला लिया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने माता-पिता खोने वाले 22 बच्चों को गोद लेने का ऐलान किया. यह कदम प्रभावित परिवारों के लिए सहारा बन सकता है. राहुल गांधी ने बच्चों के भविष्य को संवारने का वादा किया है.
ऑपरेशन सिंदूर भारत के खिलाफ हुए आंतकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था. इस दौरान भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल थे. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे.
पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे कई सेक्टरों में भारी गोलाबारी की. इस हमले में कई नागरिकों की जान गई, जिसमें पुंछ सेक्टर के 22 बच्चों के माता-पिता शामिल थे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी गोलाबारी की तीव्रता बढ़ गई थी. भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया. आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरा घाव दिया. 26 नागरिकों की हत्या के दो हफ्ते बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने सटीक मिसाइल हमलों से आतंकी संगठनों को भारी नुकसान पहुंचाया. देश ने इस ऑपरेशन को एकजुट होकर समर्थन दिया.
राहुल गांधी का यह फैसला मानवीय संवेदना का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि इन बच्चों का भविष्य उनकी जिम्मेदारी है. गोद लेने का मतलब बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास की देखभाल करना है. इस कदम से प्रभावित परिवारों को भावनात्मक और आर्थिक सहारा मिलेगा. राहुल ने देशवासियों से भी ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आने की अपील की. राहुल गांधी का यह कदम न केवल उन 22 बच्चों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है. ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई. वहीं, राहुल का फैसला मानवता और एकजुटता का संदेश देता है. देश को उम्मीद है कि ऐसी पहल से प्रभावित परिवारों को नया जीवन मिलेगा. साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और मजबूत होगी.