Rahul Gandhi On Stray Dogs Case: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के पुनर्वास को लेकर अपने पहले के आदेश में बदलाव किया है. कोर्ट ने कहा कि नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ दिया जाएगा, बशर्ते वे पागल या आक्रामक न हों. इस फैसले का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वागत किया है. उन्होंने इसे पशु कल्याण और जन सुरक्षा में संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने 11 अगस्त के आदेश में संशोधन किया. पहले कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर आश्रय गृहों में भेजने का निर्देश दिया था. इस फैसले की पशु प्रेमियों और कार्यकर्ताओं ने कड़ी आलोचना की थी. उनकी मांग थी कि कुत्तों को सड़कों से हटाने के बजाय उनके लिए बेहतर समाधान निकाला जाए.
आवारा कुत्ते के मामले की जिम्मेदारी तीन न्यायाधीशों वाली पीठ को सौंपी गई थी. 14 अगस्त को सुनवाई के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने शुक्रवार को अपने पुराने आदेश को बदलते हुए कहा कि नसबंदी के बाद कुत्तों को वापस छोड़ा जाएगा. हालांकि, कोर्ट ने सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर सख्ती दिखाई. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना गैरकानूनी होगा. जो लोग ऐसा करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि यह कदम जन सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है. इस फैसले से आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
I welcome the Supreme Court’s revised directions on stray dogs, as it marks a progressive step toward balancing animal welfare and public safety. The approach is both compassionate and rooted in scientific reasoning.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 22, 2025
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि यह फैसला पशु कल्याण और जन सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करता है. यह दयालु और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है. उन्होंने कहा कि यह कदम समाज में जागरूकता बढ़ाएगा और पशुओं के प्रति मानवीय रवैया अपनाने में मदद करेगा. पशु प्रेमी इस नए आदेश से आंशिक रूप से संतुष्ट हैं. कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ने का फैसला सही है, लेकिन खाना खिलाने पर रोक से कुछ समस्याएं हो सकती हैं. उनका मानना है कि इससे कुत्तों को भोजन मिलना मुश्किल हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में एक नया दृष्टिकोण पेश करता है. सरकार और स्थानीय प्रशासन को अब इस आदेश को लागू करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे. साथ ही, लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है ताकि पशुओं और इंसानों के बीच सामंजस्य बना रहे.