Rahul Gandhi writes to PM: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने संसद के मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने की मांग की. बता दें कि 21 जुलाई से मानसून सत्र शुरू होने वाला है. राहुल ने कहा कि यह मांग संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस सत्र में ऐसा कोई विधेयक लाने की योजना नहीं बना रही.
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया. राहुल ने अपने पत्र में इसे ऐतिहासिक भूल बताया. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया. यह कदम अभूतपूर्व है.
पिछले पांच साल से जम्मू-कश्मीर के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं. राहुल ने कहा कि अतीत में कई केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा मिला है. लेकिन जम्मू-कश्मीर का मामला अनूठा है. विपक्ष द्वारा लगातार इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. लोग चाहते हैं कि उनकी लोकतांत्रिक आवाज सुनी जाए.
राहुल ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कोर्ट में वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर को जल्द राज्य का दर्जा दिया जाएगा. यह आश्वासन अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सुनवाई के दौरान दिया गया था. राहुल ने सरकार से इस वादे को पूरा करने की अपील की. राहुल के इस पत्र ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं. दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि वह क्षेत्र में शांति और विकास पर ध्यान दे रही है. हाल के विधानसभा चुनावों ने भी इस बहस को और हवा दी है.
जम्मू-कश्मीर के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते हैं. उनका मानना है कि इससे स्थानीय प्रशासन मजबूत होगा. यह उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेगा. यह मुद्दा संसद के मानसून सत्र में चर्चा का केंद्र रहेगा. राहुल गांधी की माँग ने सरकार पर दबाव बढ़ाया है. क्या सरकार उनकी अपील पर विचार करेगी? यह सवाल सभी के मन में है. जम्मू-कश्मीर का भविष्य अब संसद के फैसले पर टिका है.