कानपुर की ‘लुटेरी दुल्हन’ बेनकाब! चार शादियां, करोड़ों की ठगी और पुलिसवालों तक फैला नेटवर्क

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने एक ऐसे ठगी गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसकी मास्टरमाइंड एक महिला दिव्यांशी चौधरी निकली है. चार शादियां, 12 से अधिक लोगों को जाल में फंसाया और बैंक खातों में 8 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन दिव्यांशी का यह आपराधिक खेल वर्षों से बिना किसी शक के चलता रहा.

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उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने एक ऐसे ठगी गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसकी मास्टरमाइंड एक महिला दिव्यांशी चौधरी निकली है. चार शादियां, 12 से अधिक लोगों को जाल में फंसाया और बैंक खातों में 8 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन दिव्यांशी का यह आपराधिक खेल वर्षों से बिना किसी शक के चलता रहा. लेकिन आखिरकार कानपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर इस पूरे नेटवर्क की परतें उधेड़ दी हैं.

दोस्ती, प्रेम और फिर जाल

दिव्यांशी का तरीका बेहद सुनियोजित था. वह पहले किसी पुरुष से दोस्ती करती, फिर प्रेम संबंध बनाकर शादी का भरोसा दिलाती. संबंध बनने के बाद वह अचानक उस व्यक्ति पर रेप का झूठा आरोप लगाकर FIR दर्ज करा देती. इसके बाद जेल का डर दिखाकर मोटी रकम लेकर समझौता करवाती और आगे बढ़ जाती. इसी पैटर्न का उपयोग कर उसने बैंक मैनेजरों, डॉक्टरों, सरकारी कर्मचारियों और यहां तक कि पुलिस अफसरों तक को निशाना बनाया.

खातों में 8 करोड़ का खेल

जांच में सामने आया कि दिव्यांशी के 10 बैंक खातों में पिछले कुछ सालों में 8 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि इन पैसों का एक हिस्सा मेरठ जोन के एक दरोगा, एक इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मियों के खातों में भी गया. पुलिस को शक है कि दिव्यांशी अकेले काम नहीं कर रही थी, बल्कि एक संगठित ब्लैकमेलिंग और वसूली गैंग का संचालन कर रही थी, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हो सकते हैं.

जब उल्टा निकला आरोप

हाल ही में दिव्यांशी ने ग्वालटोली थाने के दरोगा आदित्य लोचन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उसने दावा किया था कि दोनों की शादी हो चुकी है और अब दरोगा उससे पैसे हड़प रहा है. लेकिन जांच के बाद पूरा मामला पलट गया. दरोगा आदित्य ने बताया कि शादी के बाद दिव्यांशी लगातार उससे पैसों की मांग कर रही थी और धमकियां देती थी. पुलिस को मिले सबूत भी इसी बात की पुष्टि करते हैं.

पुराने मामलों में भी वही पैटर्न

जांच अधिकारियों ने बताया कि दिव्यांशी इससे पहले भी दो बैंक मैनेजरों पर झूठे रेप के आरोप लगा चुकी थी. FIR दर्ज होते ही वह दोनों से लाखों रुपये लेकर मामले की फाइनल रिपोर्ट लगवा देती थी. उसके खातों में मिले लेन-देन और शिकायतों की श्रृंखला से साफ है कि वह लंबे समय से इस ठगी को एक पेशेवर तरीके से अंजाम दे रही थी.

कानपुर पुलिस का कहना है कि दिव्यांशी के खिलाफ जुटाए गए सबूत बताते हैं कि यह सिर्फ व्यक्तिगत ठगी नहीं, बल्कि पूरी तरह से संगठित गिरोह की गतिविधि थी. कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है, जिनकी जांच तेज कर दी गई है. 

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