S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने राहुल को 'नया चीन गुरु' करार दिया. जयशंकर ने आरोप लगाया कि राहुल महत्वपूर्ण मौकों पर भारत सरकार से नहीं, बल्कि चीनी राजदूत से जानकारी लेना पसंद करते हैं. यह बयान डोकलाम संकट के संदर्भ में आया.
जयशंकर ने 2017 के डोकलाम गतिरोध का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना चीनी सेना का सामना कर रही थी, तब राहुल ने सरकार या विदेश मंत्रालय से बात करने के बजाय चीनी राजदूत से मुलाकात की. जयशंकर ने इसे गैर-जिम्मेदाराना कदम बताया. उन्होंने कहा कि डोकलाम जैसे संकट में विपक्ष के नेता को देश के साथ खड़ा होना चाहिए था.
जयशंकर ने कांग्रेस पर चीन के साथ संदिग्ध संबंधों का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चीन के साथ 'गुप्त समझौतों' का लंबा इतिहास है. 25 जुलाई को भी जयशंकर ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध का हवाला दिया. जयशंकर ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों के कारण भारत को क्षेत्रीय नुकसान हुआ. उन्होंने कांग्रेस पर चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया. दूसरी ओर, राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर सवाल उठाए. ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अपनी भूमिका का दावा किया था. राहुल ने इसे व्यापारिक दबाव का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि ट्रंप यह सब व्यापार समझौते के लिए कह रहे हैं. राहुल ने चेतावनी दी कि भारत को व्यापार वार्ता में दबाव का सामना करना पड़ सकता है.
केंद्र सरकार ने बार-बार कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के फैसले में कोई तीसरा देश शामिल नहीं है. इसके बावजूद ट्रंप ने शांति स्थापना का दावा दोहराया. जयशंकर ने इस पर भारत का रुख साफ किया. उन्होंने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और रणनीतिक हितों की रक्षा करेगा. जयशंकर का राहुल पर हमला और ट्रंप की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है.