'बार-बार जनहित याचिका क्यों दायर कर रहे हैं?', SC ने पर्यटकों की सुरक्षा की मांग वाली जनहित याचिका को किया खारिज

अदालत ने कहा कि याचिका में सार की कमी है और इसमें न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. पीआईएल में पहाड़ी राज्यों और दूरदराज के स्थानों पर जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी.

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Courtesy: Social Media

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया गया. इस याचिका में में पर्यटकों के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग की गई थी. पीठ ने याचिकाकर्ता पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि याचिका किसी वास्तविक सार्वजनिक चिंता को संबोधित करने के बजाय प्रचार पाने के उद्देश्य से प्रतीत होती है. 

अदालत ने कहा कि याचिका में सार की कमी है और इसमें न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. पीआईएल में पहाड़ी राज्यों और दूरदराज के स्थानों पर जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी.

कोर्ट ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पर्यटकों में थोड़ा डर का माहौल है. याचिका में पर्यटकों की सुरक्षा वाले स्थानों, खासकर पहाड़ी, दूरदराज के क्षेत्रों में उचित चिकित्सा सुविधाएं शुरू करने की भी अपील की गई थी. ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जा सके. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता को बार-बार जनहित याचिका दायर करने के लिए फटकार लगाई और कहा कि यह प्रचार के लिए है.

याचिका का मुख्य उद्देश्य

अदालत में पीठ ने पूछा कि आप बार-बार जनहित याचिका क्यों दायर कर रहे हैं? आपको कौन उकसा रहा है?  इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि यह प्रतिकूल उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए है. अदालत ने कहा कि आप मामले की संवेदनशीलता को नहीं समझ रहे हैं. याचिकाकर्ता एक या अन्य कथित जनहित याचिकाओं में लिप्त हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य प्रचार करना है और जनता के हितों की रक्षा करना नहीं है. इसे खारिज किया जाता है.

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