दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर पिछले हफ़्ते हुई एक दर्दनाक घटना ने सिस्टम की लापरवाही पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. दिल्ली के रहने वाले लच्छी राम (42) और उनकी पत्नी कुसुम लता (38) की मौत कार में फंसे रहने के कारण हुई, जिन्हें मदद मिलने में पूरे 8 घंटे का इंतज़ार करना पड़ा.
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को हुई इस घटना में उनकी वैगनआर कार को महज 22 मिनट के भीतर दो अलग-अलग वाहनों ने टक्कर मारी. दोनों ड्राइवर कार से उतरे बिना मौके से फरार हो गए.
कपल के परिवार ने अधिकारियों की लापरवाही पर कड़े सवाल उठाए हैं. लच्छी राम के मामा नाहर सिंह ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैसे कोई टूटी हुई कार में फंसे दो लोगों को नहीं देख सकता? अगर पेट्रोलिंग गाड़ियां हर घंटे गुजरती हैं जैसा कहा जाता है, तो फिर कुचली हुई कार दिखाई क्यों नहीं दी? परिवार को बताया गया था कि इस हिस्से में NHAI और लोकल पुलिस दोनों की पेट्रोलिंग होती है. परिवार का आरोप है कि अगर समय रहते मदद पहुंचती तो दोनों की जान बच सकती थी.
तफ्तीश में सामने आया कि पहली टक्कर एक मल्टी-एक्सल डंपर ट्रक ने मारी. कार साइड लेन में फंसकर खराब हालत में खड़ी रह गई. जिसके बाद दूसरा एक्सीडेंट में अर्टिगा ने तेज टक्कर मांगी और फिर ड्राइवर वहां से भाग गया. पहली घटना और दूसरी घटना में लगभग 22 मिनट का अंतर था. CCTV फुटेज में दिखा कि ड्राइवर अपनी गाड़ी को पीछे ले गया और वहां से फरार हो गया.
दोनों टक्करों के बाद कपल कार के अंदर जख्मी हालत में पड़े थे, लेकिन कोई भी गाड़ी मदद के लिए नहीं रुकी. हादसे के बाद रातभर कार एक्सप्रेसवे के किनारे खड़ी रही. कार के दरवाजे जाम हो चुके थे, कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी, और दोनों अंदर फंसे हुए थे. इस दौरान सैकड़ों वाहन वहां से गुज़रे, लेकिन कोई सहायता नहीं दी गई. पहली टक्कर के करीब 8 घंटे बाद गांव के लोगों ने कार में बॉडीज़ देखीं और पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद उनके परिवार को सूचना दी गई.