प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाल ही में वायरल हुई कार सेल्फ़ी ने भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका की कांग्रेस में भी एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है. एक साधारणसी लगने वाली यह तस्वीर अब दो महाशक्तियों के बीच बदलती रणनीतिक समझ और अमेरिकी विदेश नीति के प्रभाव का प्रतीक बन गई है.
अमेरिकी विदेश नीति पर हुई एक अहम सुनवाई के दौरान कांग्रेस वुमन सिडनी कामलेगरडोव ने इस तस्वीर को उठाते हुए दावा किया कि अमेरिका की गलत रणनीति भारत को मजबूरन रूस के और करीब ला रही है. उन्होंने साफ कहा कि हम भारत को दूर धकेल रहे हैं.
कामलेगरडोव ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों को अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारना बताया. उन्होंने चेतावनी दी कि भारत पर बढ़ते दबाव से दशकों से बने भरोसे को स्थायी नुकसान हो सकता है. मोदी पुतिन की कार सेल्फ़ी को बड़े आकार में दिखाते हुए कांग्रेस वुमन ने कहा कि अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदारों को विरोधियों की तरफ धकेलकर कोई शांति पुरस्कार नहीं जीत सकता. यह तस्वीर वही कहानी कह रही है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे. कांग्रेस की दोनों पार्टियाँ इस खतरे को समझती हैं और तेज़ी से काम करने की जरूरत है.
कामलेगरडोव ने कहा कि भारत पर 50% टैरिफ ने दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर की बैठकों को पटरी से उतार दिया है. उन्होंने H1B वीज़ा फीस को 1 लाख डॉलर तक बढ़ाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह विज्ञान, तकनीक और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में भारतीयों के बड़े योगदान का अपमान है. उन्होंने आरोप लगाया कि जहां एक ओर भारत पर दबाव डाला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी उद्योगपति रूस के साथ गुप्त सौदे कर रहे हैं, जो अमेरिकी नीति की गंभीर विफलता को दिखाता है.
वायरल तस्वीर पुतिन की पिछले हफ्ते हुई भारत यात्रा के दौरान ली गई थी. दिल्ली में उन्हें रेडकार्पेट स्वागत मिला. प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से उनका स्वागत किया, गले लगाया और फिर दोनों एक ही कार में बैठकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां निजी डिनर हुआ. यह पहली बार नहीं है जब दोनों नेता साथ सफर करते दिखे हों. रूस में SCO सम्मेलन के दौरान भी वे ऑरस सेडान में साथ नजर आए थे. यह उनकी नजदीकी को दर्शाता है.