जगदीप धनखड़ के बाद कौन बनेंगे उपराष्ट्रपति? इस्तीफे के बाद उत्तराधिकारी के नामों पर चर्चा तेज

धनखड़ ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं. यह घोषणा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हुई, जिसने सभी को हैरान कर दिया.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस अप्रत्याशित फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. 74 वर्षीय धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की बात कही. अब उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है.

धनखड़ ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं. यह घोषणा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हुई, जिसने सभी को हैरान कर दिया. उनके इस फैसले ने न केवल उनके कर्मचारियों, बल्कि सांसदों को भी चौंका दिया.

धनखड़ का सख्त रुख

धनखड़ ने इस्तीफे से पहले राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता की. इस दौरान विपक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया, जिसे धनखड़ ने स्वीकार किया. उसी दिन लोकसभा में भी सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन से ऐसा ही प्रस्ताव लाया गया. यह घटना संसद में तनाव का कारण बनी. धनखड़ की इस प्रस्ताव को स्वीकार करने की कार्रवाई ने कई सवाल खड़े किए. अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बनने वाले धनखड़ का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. राज्यसभा सभापति के रूप में उन्होंने विपक्ष के साथ कई बार तीखी नोकझोंक की. उनकी टिप्पणियों ने कई बार सरकार के भीतर भी असहजता पैदा की. इससे पहले, वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके थे. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने उन्हें 2022 में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना था.

उपराष्ट्रपति के पद पर इन नामों की चर्चा

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब नजरें उनके उत्तराधिकारी पर टिकी हैं. एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है, जिससे उत्तराधिकारी का चयन आसान हो सकता है. संभावित उम्मीदवारों में वरिष्ठ राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के अनुभवी नेता शामिल हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम भी चर्चा में है, जो जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हैं. एक भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी गैर-विवादास्पद और मजबूत नेता को चुनेगी. धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र की शुरुआत में एक बड़ा मोड़ लेकर आया है. यह सत्र पहले से ही कई विवादास्पद मुद्दों के कारण चर्चा में था. अब यह देखना बाकी है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा और यह बदलाव संसद की कार्यवाही को कैसे प्रभावित करेगा. धनखड़ के इस फैसले के पीछे स्वास्थ्य के अलावा और क्या कारण हो सकते हैं, इस पर अटकलें तेज हैं.

Tags :