Idol Immersion: देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. अक्सर आपने देखा होगा कि भगवान गणेश की पूजा के बाद मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है. हालांकि कश्मीरी पंडित गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित नहीं करते हैं. कश्मीरी पंडित समाज गणेश भगवान की मूर्ति को विसर्जित नहीं करता है. इसके पीछे एक खास वजह है. दरअसल, जिस दिन गणेश उत्सव होता है उस दिन कश्मीरी पंडित समाज की कुलदेवी का दिन होता है इसलिए इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने बाद माता की पूजा की जाती है. खास बात यह है कि कश्मीरी पंडित भगवान गणेश को मोदक की जगह रोठ का भोग लगाते हैं.
भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित नहीं करते हैं कश्मीरी पंडित-
दरअसल, भगवान गणेश जी को इसलिए कश्मीरी पंडित नहीं विसर्जित करते हैं क्योंकि जब गणेश उत्सव चल रहा होता है उसी दौरान कश्मीरी पंडितों की कुलदेवी की पूजा का दिन भी होता है. ऐसे में भगवान गणेश की पूजा करने के बाद माता की पूजा की जाती है. पूजा के बाद गणेश जी को स्थान पर रख दिया जाता है और उन्हें 10 दिन बाद भी विसर्जन नहीं किया जाता है.
गणेश जी मूर्ति की जगह कलश में फूल डालकर करते हैं विसर्जन-
भगवान गणेश जी के विसर्जन के दिन भगवान गणेश की मूर्ति की जगह एक कलश में फुल डालकर उसका विसर्जन करते हैं. इन दिनों को कश्मीर में पन कहा जाता है. वहीं भोग में चढ़ाए गए प्रसाद को रोठ कहा जाता है. कश्मीरी पंडित इस प्रसाद को पहले माता को चढ़ाते हैं उसके बाद भक्तों में बांटते हैं