भारत-रूस व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की अपील! अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच मॉस्को पहुंचे एस जयशंकर

अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच एस जयशंकर मॉस्को पहुंचे हैं. जहां उन्होंने रूसी कंपनियों से भारतीय साझेदारों के साथ गहराई से काम करने की अपील की है.

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Courtesy: Social Media

India-Russia Trade: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्तों पर जोर दिया है. जयशंकर ने मास्को में रूसी कंपनियों से भारतीय साझेदारों के साथ गहराई से काम करने की अपील की. 

जयशंकर ने रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देशों को व्यापार में विविधता लानी चाहिए. उन्होंने संयुक्त उद्यमों को बढ़ाने पर जोर दिया. जयशंकर ने कहा कि हमें अधिक काम करना है और नए तरीकों से करना है. उन्होंने टैरिफ, रसद की समस्याओं को दूर करने और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक गलियारे जैसे परिवहन मार्गों को मजबूत करने की जरूरत बताई. साथ ही, सुचारू भुगतान व्यवस्था पर भी ध्यान देने की बात कही.

मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में कदम

मास्को में हुई बैठक में भारत-रूस मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए शर्तों को अंतिम रूप दिया गया. जयशंकर ने इसे एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को और मजबूत करेगा. पिछले चार सालों में भारत-रूस व्यापार पांच गुना बढ़ा है. 2021 में यह 13 अरब डॉलर था, जो अब 68 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. रूसी हाइड्रोकार्बन का आयात इसका मुख्य कारण है. नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने पिछले पांच सालों में 700 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया. हालांकि, जयशंकर ने व्यापार घाटे पर चिंता जताई. 2021 में 6.6 अरब डॉलर का घाटा अब 59 अरब डॉलर हो गया है. उन्होंने रूस से भारतीय निर्यात के लिए अपने बाजार को और खोलने का आग्रह किया.

वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार 

भारत-रूस व्यापार मंच में जयशंकर ने रूसी कंपनियों से भारत में निवेश करने की अपील की. उन्होंने नए संयुक्त उद्यमों की संभावनाएं तलाशने को कहा है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मजबूत साझेदारी के लिए आर्थिक सहयोग जरूरी है. हमें अधिक व्यापार, निवेश और नए क्षेत्रों में काम करना चाहिए. उन्होंने व्यापार में विविधता, समय-सीमा तय करने और व्यापार मंचों के बीच बेहतर तालमेल की बात कही. यह चर्चा ऐसे समय में हुई, जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इसमें रूस से तेल खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.

व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम रूस पर दबाव बनाने के लिए है. जयशंकर ने बिना अमेरिका का नाम लिए कहा कि यह वार्ता जटिल भू-राजनीतिक स्थिति में हो रही है. फिर भी, भारत और रूस नेतृत्व स्तर पर लगातार जुड़े हुए हैं. जयशंकर रूस की तीन दिनों की यात्रा पर निकले हैं. इसका लक्ष्य दोनों देशों की समय-परीक्षित रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि भारत और रूस मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.

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