Gaza ceasefire: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच एक अहम कूटनीतिक गतिविधि सामने आई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच हुई फोन बातचीत ने गाज़ा में संभावित युद्धविराम को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है. दोनों नेताओं ने क्षेत्र की मौजूदा स्थिति, चल रहे संघर्ष और भविष्य की राजनीतिक दिशा पर विस्तृत चर्चा की. यह संवाद ऐसे समय हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका कूटनीतिक कोशिशों को तेज कर चुका है.
गाजा की स्थिति और युद्धविराम पर केंद्रित बातचीत
रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, फोन कॉल में पुतिन और नेतन्याहू ने गाज़ा पट्टी में चल रही हिंसा, युद्धविराम समझौते और बंदियों के आदान-प्रदान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर चर्चा की. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करना आवश्यक है.
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत का मुख्य फोकस गाज़ा में मानवीय संकट को कम करने के तरीकों और युद्धविराम को संभव बनाने वाले रास्तों पर था. इसके साथ ही संघर्ष का असर पड़ोसी देशों की सुरक्षा पर न पड़े, इस दिशा में भी विचार-विमर्श किया गया.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सीरिया की स्थिति पर भी चर्चा
मध्य पूर्व की जटिल परिस्थितियों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक प्रमुख चिंता का विषय है. पुतिन और नेतन्याहू के बीच इस मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हुई. इज़राइल लंबे समय से ईरान की परमाणु गतिविधियों को अपने सुरक्षा हितों के लिए खतरा मानता रहा है, वहीं रूस इस मामले में कूटनीतिक समाधान का पक्षधर है. सीरिया में स्थिरता लाने के प्रयासों पर भी बात हुई. दोनों देशों का सीरिया में अलग-अलग हितों के बावजूद संवाद बनाए रखना क्षेत्रीय संतुलन के लिए अहम माना जाता है.
अमेरिका की गाजा शांति योजना ने बढ़ाई हलचल
यह बातचीत उसी समय हुई है जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-प्वाइंट गाज़ा योजना को मंजूरी देने का अनुरोध किया है. इस योजना में शामिल हैं—
इज़राइल इस योजना का स्वागत कर चुका है, जबकि हमास ने अभी इसकी शर्तों पर पूर्ण सहमति नहीं दी है.
पुतिन की पहल पर शुरू हुई बातचीत
इज़राइली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार बातचीत की पहल राष्ट्रपति पुतिन ने की. हालांकि इज़राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने वार्ता के विवरण सार्वजनिक नहीं किए, लेकिन स्पष्ट है कि बातचीत का केंद्र बिंदु क्षेत्रीय सुरक्षा और गाज़ा संकट था.
दोनों नेताओं की पिछली चर्चा अक्टूबर में हुई थी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप की शांति योजना को लेकर खूब बहस हो रही थी. उस समय भी मध्य पूर्व की बदलती राजनीतिक परिस्थिति दोनों की बातचीत में प्रमुख मुद्दा रही थी.