बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख बेगम खालिदा जिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, वह 80 वर्ष की थीं. उनके बड़े बेटे और बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने मंगलवार सुबह इस दुखद की पुष्टि की.
अंतरिम सरकार के कानून सलाहकार आसिफ नजरुल ने बताया कि खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को जोहर की नमाज के बाद होगा. नमाज-ए-जनाजा संसद के साउथ प्लाजा और पास के मानिक मिया एवेन्यू में दोपहर 2 बजे अदा की जाएगी. इसमें लाखों शोकाकुल लोगों के जुटने की उम्मीद है. इसके बाद उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाएगा. वे अपने पति, पूर्व राष्ट्रपति और बीएनपी संस्थापक जियाउर रहमान के बगल में शेर-ए-बांग्ला नगर स्थित जिया उद्यान में सुपुर्द-ए-खाक की जाएंगी.
बीएनपी के मीडिया सेल सदस्य शैरुल कबीर खान के अनुसार, मंगलवार रात उनका शव एवरकेयर अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया. बुधवार सुबह इसे उनके गुलशन स्थित निवास फिरोजा ले जाया जाएगा, जहां लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद शव को संसद परिसर में ले जाया जाएगा.
खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे. वे बुधवार को ढाका पहुंचेंगे और भारत सरकार तथा जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया.
अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने खालिदा जिया के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. साथ ही, बुधवार को नमाज-ए-जनाजा के दिन पूरे देश में एक दिन की आम छुट्टी रहेगी. शोक अवधि में ढाका मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में आतिशबाजी, पटाखे फोड़ना, गैस गुब्बारे वाले स्काई लैंटर्न उड़ाना और खुली जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.
यूनुस ने उन्हें लोकतंत्र की प्रतीक बताया और देश के लिए उनके योगदान की सराहना की. खालिदा जिया लिवर सिरोसिस, गठिया, डायबिटीज, हृदय और फेफड़ों की समस्याओं से जूझ रही थीं. नवंबर में संक्रमण के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बावजूद इसके, वे फरवरी 2026 के चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. उनके निधन से बीएनपी को बड़ा झटका लगा है, हालांकि तारिक रहमान अब पार्टी की कमान संभालेंगे.