यमन में बढ़ते तनाव के बीच UAE ने अपने सैनिकों को वापस बुलाया, 24 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम

यमन में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह यमन से अपनी शेष सैन्य टुकड़ियों को वापस बुला लेगा.

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Courtesy: X (@MilitaryNewsEN)

यमन में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह यमन से अपनी शेष सैन्य टुकड़ियों को वापस बुला लेगा. यह फैसला सऊदी अरब द्वारा यमन के दक्षिणी बंदरगाह शहर मुकल्ला पर हवाई हमले के कुछ घंटों बाद आया, जिसमें कथित रूप से UAE से आई एक खेप को निशाना बनाया गया. इस घटना ने खाड़ी देशों के बीच गठबंधन में गहरी दरार को उजागर कर दिया है.

सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने मुकल्ला बंदरगाह पर मंगलवार सुबह 'सीमित' हवाई हमला किया. सऊदी अधिकारियों का दावा है कि UAE के फुजैराह बंदरगाह से आई दो जहाजों में हथियार और बख्तरबंद वाहन लोड थे, जो अबू धाबी समर्थित दक्षिणी संक्रमणकालीन परिषद (STC) को सप्लाई किए जाने थे. गठबंधन के प्रवक्ता ने कहा कि ये जहाज ट्रैकिंग डिवाइस बंद करके आए थे और खेप में बड़ी मात्रा में हथियार शामिल थे. हमले में कई वाहनों को नष्ट कर दिया गया, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

UAE ने आरोपों को नकारा 

UAE ने इन आरोपों का खंडन किया. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि खेप में कोई हथियार नहीं थे, बल्कि यमन में तैनात UAE सैनिकों के लिए वाहन थे. मंत्रालय ने हमले पर आश्चर्य जताया और कहा कि इस बारे में सऊदी अरब के साथ पहले से समन्वय था. रक्षा मंत्रालय ने बाद में घोषणा की कि 'हालिया घटनाक्रमों' को देखते हुए वह स्वेच्छा से अपनी आतंकवाद विरोधी इकाइयों को वापस बुला रहा है, ताकि अपने कर्मियों की सुरक्षा और मिशनों की प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके.

यमनी प्रेसिडेंशियल लीडरशिप ने दिया अल्टीमेटम

इस महीने की शुरुआत में STC ने यमन के पूर्वी प्रांतों हद्रामौत और महरा पर कब्जा कर लिया, जिसमें महत्वपूर्ण तेल सुविधाएं भी शामिल हैं. STC, जो दक्षिण यमन की स्वतंत्रता की मांग करता है (जो 1967-1990 तक अलग देश था), UAE का मजबूत समर्थक है. दूसरी ओर, सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यमनी सरकार और हद्रामौत ट्राइबल अलायंस का समर्थन करता है.

सऊदी गठबंधन ने शुक्रवार को हद्रामौत में STC ठिकानों पर हमले किए, जिसे अलगाववादियों को चेतावनी माना गया. मुकल्ला हमला इस श्रृंखला की सबसे बड़ी कार्रवाई है. यमनी प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल के प्रमुख रशाद अल-अलीमी ने UAE सैनिकों को 24 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया और UAE के साथ रक्षा समझौता रद्द कर दिया.

सऊदी अरब और UAE दोनों ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन दक्षिण यमन में उनके हित टकरा रहे हैं. सऊदी अरब एकीकृत यमन चाहता है, जबकि UAE STC के माध्यम से दक्षिण में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. यह क्षेत्र महत्वपूर्ण शिपिंग लेन और ऊर्जा संसाधनों के चौराहे पर स्थित है. 

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