भारत ने स्टील आयात पर लगाया नया टैरिफ, चीन की बढ़ेगी मुश्किलें?

भारत सरकार ने चुनिंदा स्टील उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जो मुख्य रूप से विदेशी सस्ते स्टील की बाढ़ को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है.

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Courtesy: X (@Amarrrrz)

भारत सरकार ने चुनिंदा स्टील उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जो मुख्य रूप से विदेशी सस्ते स्टील की बाढ़ को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है. यह कदम घरेलू स्टील उत्पादकों को राहत प्रदान करेगा, जो हाल के वर्षों में बढ़ते आयात से प्रभावित हो रहे हैं. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह टैरिफ तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा, जिससे वैश्विक व्यापार में संतुलन बनाने की कोशिश की जा रही है.

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक देश है, लेकिन हाल ही में विदेशी आयात, खासकर चीन से आने वाले सस्ते स्टील ने स्थानीय उत्पादकों पर दबाव डाला है. इससे एंटी-डंपिंग की शिकायतें बढ़ी हैं और घरेलू बाजार में असंतुलन पैदा हो गया है. व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की जांच में पाया गया कि आयात में अचानक और तेज वृद्धि से भारतीय उद्योग को गंभीर क्षति पहुंच रही है.

उद्योग की पहल और सरकारी प्रतिक्रिया

नई नीति के तहत, चुनिंदा स्टील उत्पादों पर पहले वर्ष 12 प्रतिशत, दूसरे वर्ष 11.5 प्रतिशत और तीसरे वर्ष 11 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया जाएगा. यह मंगलवार को राजपत्र में प्रकाशित किया गया. हालांकि, कुछ विकासशील देशों से आने वाले आयात को इससे छूट दी गई है, लेकिन चीन, वियतनाम और नेपाल जैसे देशों पर यह पूरी तरह लागू होगा. विशेष रूप से, स्टेनलेस स्टील जैसे विशेष उत्पादों को इस दायरे से बाहर रखा गया है.

डीजीटीआर की सिफारिश पर आधारित यह फैसला आयात की तेज वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए है, जो घरेलू उत्पादकों की बाजार हिस्सेदारी को कम कर रही थी. इस मुद्दे को सबसे पहले भारतीय स्टेनलेस स्टील विकास संघ ने उठाया था. संघ का तर्क था कि विदेशी सस्ते उत्पाद भारतीय बाजार को बिगाड़ रहे हैं और स्थानीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं.

वैश्विक व्यापार तनाव का संदर्भ

यह भारतीय कदम चीनी स्टील निर्यात से जुड़े वैश्विक तनावों के बीच आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में स्टील पर लगाए गए आयात शुल्कों ने चीनी उत्पादों को अन्य बाजारों की ओर मोड़ दिया, जिससे कई देशों में व्यापार सुरक्षा उपाय मजबूत हुए. इस वर्ष की शुरुआत में, दक्षिण कोरिया और वियतनाम ने भी चीनी स्टील पर एंटी-डंपिंग टैक्स लगाए, जिसमें बाजार विकृति और कम कीमतों का हवाला दिया गया.

भारत का यह फैसला इसी वैश्विक प्रवृत्ति का हिस्सा है, जो घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और व्यापार असंतुलन को सुधारने पर केंद्रित है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय स्टील उद्योग की निर्यात क्षमता बढ़ेगी और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी.

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