White House: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले ने वैश्विक चर्चा को जन्म दिया है. व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने इस फैसले का बचाव करते हुए भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. नवारो ने कहा कि भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नजदीकी बना रहा है.
वाशिंगटन डीसी में पत्रकारों से बात करते हुए नवारो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'महान नेता' बताया. लेकिन उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीदने का आरोप लगाया. नवारो का कहना है कि भारत को इस तेल की जरूरत नहीं है. उन्होंने दावा किया कि भारत रूसी तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और फिर यूरोप, अफ्रीका और एशिया में ऊंचे दामों पर बेचता है. इससे भारत मुनाफा कमा रहा है.
नवारो ने कहा कि भारत इस युद्ध में शांति स्थापित करने की बजाय इसे लंबा खींच रहा है. यह रूस के लिए 'धोबीखाने' का काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का यह कदम यूक्रेन में रक्तपात को बढ़ावा दे रहा है. नवारो ने दावा किया कि फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत लगभग न के बराबर रूसी तेल खरीदता था. लेकिन अब यह खरीद 30-35 प्रतिशत तक पहुंच गई है. उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह इस तेल को रिफाइन कर मुनाफा कमाता है. नवारो के मुताबिक, इस मुनाफे का इस्तेमाल रूस हथियार बनाने और युद्ध जारी रखने में करता है. उन्होंने कहा कि यह एक चक्र है. भारत अमेरिका से व्यापार में पैसा कमाता है, फिर रूसी तेल खरीदता है. रूस उस पैसे से हथियार बनाता है और यूक्रेन में युद्ध को बढ़ाता है. नवारो ने इसे 'पागलपन' करार दिया.
नवारो ने बताया कि ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ इसलिए लगाया क्योंकि भारत व्यापार में अमेरिका के साथ 'धोखा' करता है. इसके अलावा, 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ व्यापार घाटे को कम करने के लिए लगाया गया. उन्होंने कहा कि भारत के टैरिफ बहुत ज्यादा हैं. हमारा उनके साथ भारी व्यापार घाटा है. यह अमेरिकी कामगारों और व्यवसायों के लिए नुकसानदायक है. नवारो ने यह भी कहा कि ट्रंप इस स्थिति को अच्छी तरह समझते हैं. उन्होंने दावा किया कि शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है. भारत ने इन आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट किया है. नई दिल्ली ने कहा कि वह अपने देश के हित की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. अमेरिका के टैरिफ को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए भारत ने कहा कि कई अन्य देश भी अपने हितों के लिए ऐसा कर रहे हैं. भारत ने रूसी तेल खरीदने को अपने ऊर्जा जरूरतों के लिए जरूरी बताया. यह विवाद अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है. दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों की जरूरत है. नवारो के बयान ने भारत-अमेरिका संबंधों में नई चुनौतियां खड़ी की हैं. वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति और रणनीति पर सभी की नजरें टिकी हैं.