ट्रंप के सामने झुक गया जापान, अब टैरिफ के चक्रव्यूह से कैसे बाहर निकलेगा भारत?

ट्रंप ने पहले जापान को चेतावनी दी थी कि यदि 1 अगस्त तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो जापानी सामानों पर 25% टैरिफ लगेगा. समय पर सहमति के कारण टैरिफ को घटाकर 15% किया गया. ट्रंप के अनुसार, इस डील से अमेरिका को 90% लाभ होगा और लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

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India-US trade agreement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर जापान के साथ अब तक के सबसे बड़े व्यापारिक समझौते की घोषणा की. इस डील के तहत जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा और अपने उत्पादों पर 15% टैरिफ देगा.

ट्रंप ने पहले जापान को चेतावनी दी थी कि यदि 1 अगस्त तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो जापानी सामानों पर 25% टैरिफ लगेगा. समय पर सहमति के कारण टैरिफ को घटाकर 15% किया गया. ट्रंप के अनुसार, इस डील से अमेरिका को 90% लाभ होगा और लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

जापान की मजबूरी

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने कहा कि वह इस समझौते को गहराई से समझना चाहते हैं, लेकिन अमेरिका ने इसे अंतिम रूप दे दिया है. ट्रंप की समयसीमा के दबाव में जापान को यह डील स्वीकार करनी पड़ी, ताकि भारी टैरिफ से बचा जा सके. यह कूटनीतिक जीत ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को और मजबूत करती है.  

इंडोनेशिया और फिलिपींस के साथ भी डील

जापान से पहले, अमेरिका ने इंडोनेशिया और फिलिपींस के साथ भी व्यापारिक समझौते किए, जिनमें इन देशों के उत्पादों पर 19% टैरिफ लगाया गया, जबकि अमेरिकी उत्पादों को इनके बाजार में कर-मुक्त प्रवेश मिला. यह रणनीति विकासशील देशों से एकतरफा लाभ लेने की दिशा में है.  

भारत और अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील की बातचीत अंतिम चरण में है. भारत को 1 अगस्त की समयसीमा से पहले स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ से बचने के लिए रणनीति बनानी होगी. भारत ने WTO नियमों के तहत जवाबी शुल्क की चेतावनी दी है और डेयरी, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रिक वाहन और कृषि उत्पादों में रियायतें मांगी हैं.  

चुनौतियां और अवसर

ट्रंप की कठोर नीतियों के बीच भारत को संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा. स्टील और एल्युमिनियम पर अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग के साथ भारत को अपने हितों की रक्षा करनी होगी. यह डील भारत के लिए आर्थिक और कूटनीतिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.  

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