रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने यूरोपीय नेताओं का मजाक उड़ाया. उन्हें पीगलेट कहा. साथ ही चेतावनी दी कि अगर शांति प्रस्तावों पर बात नहीं हुई तो रूस यूक्रेन के और इलाके जबरन कब्जा लेगा.
पुतिन ने इस बात का जिक्र रक्षा मंत्रालय की सालाना बैठक के दौरान किया. उन्होंने कहा कि रूसी सेना सभी मोर्चों पर आगे बढ़ रही है. रूस अपनी ऐतिहासिक जमीनों को मुक्त कराएगा, चाहे कूटनीति से या सैन्य तरीके से कराना पड़े.
उन्होंने कहा कि अगर कीव और उसके पश्चिमी समर्थक ठोस बातचीत से इनकार करते हैं तो रूस सैन्य बल से आगे बढ़ेगा. अमेरिका की शांति कोशिशें रुकी हुई हैं. युद्ध अब चौथे साल में है. रूस अभी यूक्रेन के करीब 19 प्रतिशत क्षेत्र नियंत्रित करता है. इसमें क्रीमिया, डोनबास का बड़ा हिस्सा, खेरसॉन और ज़ापोरिज़्ज़िया शामिल हैं. मॉस्को इन्हें अपना हिस्सा मानता है. लेकिन यूक्रेन और दुनिया के ज्यादातर देश इसे नहीं मानते.
पुतिन ने यूरोपीय नेताओं की आलोचना की. उन पर डर फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे जानबूझकर कहते हैं कि रूस नाटो देश पर हमला कर सकता है. यह पूरी बकवास है और झूठ है. उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर भी निशाना साधा. रक्षा मंत्री एंड्री बेलौसोव ने पुतिन का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि 2026 में रूस हमले की गति बढ़ाएगा. एक स्लाइड में दिखाया गया कि 2025 में रूस जीडीपी का 5.1 प्रतिशत युद्ध पर खर्च कर रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने जवाब दिया. उन्होंने सहयोगियों से रूस को कमजोर दिखाने की मांग की. यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन से पहले अपने संबोधन में कहा कि रूस को लगना चाहिए कि अगले साल युद्ध जारी रखना बेकार है. यूक्रेन को मजबूत समर्थन मिलेगा. उन्होंने फ्रीज रूसी संपत्तियों का इस्तेमाल करने की अपील दोहराई. ये संपत्तियां करीब 250 बिलियन डॉलर की हैं. ज्यादातर बेल्जियम में हैं. यूरोपीय संघ ने इन्हें अनिश्चित काल तक फ्रीज रखने पर सहमति दी. लेकिन कुछ देश कानूनी जोखिम से चिंतित हैं.