'अमेरिका में प्रवेश करने में दिक्कत हो तो...', रूस ने भारत के टैरिफ समस्या का बताया समाधान

रूसी मिशन के उप-प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत पर अमेरिका का दबाव अनुचित और एकतरफा है. उन्होंने बताया कि रूस भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.

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Courtesy: Social Media

Russia on India-US Tariff: दिल्ली में रूस के एक वरिष्ठ राजनयिक ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर भारत को अमेरिकी बाजार में दिक्कत हो रही है, तो वह रूस को अपना माल निर्यात कर सकता है. यह बयान रूसी तेल आयात को लेकर भारत और वाशिंगटन के बीच चल रहे तनाव के बीच आया है.

रूसी मिशन के उप-प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत पर अमेरिका का दबाव अनुचित और एकतरफा है. उन्होंने बताया कि रूस भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत की ऊर्जा मांग हर साल बढ़ रही है और रूस के साथ ऊर्जा सहयोग बाहरी दबाव के बावजूद जारी रहेगा. इन सब के बीच बाबुश्किन ने कहा कि यह हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सामंजस्य का बेहतरीन उदाहरण है. हमें भरोसा है कि हमारा सहयोग और मजबूत होगा.

रूस में व्यापार के लिए स्वागत 

बाबुश्किन ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को नाकाम बताया है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध उन पर ही भारी पड़ रहे हैं, जो इन्हें लागू कर रहे हैं. उनके मुताबिक, रूस स्थिर आर्थिक विकास कर रहा है और प्रतिबंध उसे कमजोर नहीं कर पाए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत रूसी तेल लेना बंद करता है, तो पश्चिमी देश भारत को वैसा सहयोग नहीं देंगे. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पश्चिमी देश नव-औपनिवेशिक ताकतों की तरह व्यवहार करते हैं, जो सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचते हैं. यह बयान व्हाइट हाउस की उस घोषणा के बाद आया है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया है. यह टैरिफ 27 अगस्त से बढ़कर 50% हो जाएगा. भारत सरकार को इससे कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़े जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि भारत आर्थिक दबाव के आगे नहीं झुकेगा. उन्होंने स्वतंत्र विदेश और व्यापार नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.

प्रतिबंध गैरकानूनी प्रतिस्पर्धा का हथियार

बाबुश्किन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच हाल की फोन कॉल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह बातचीत भारत-रूस संबंधों के महत्व को दर्शाती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि चाहे कोई भी चुनौती आए, हम मिलकर समाधान निकाल लेंगे. यही हमारी सच्ची रणनीतिक साझेदारी है. रूसी राजनयिक ने भारत जैसे सहयोगियों के प्रति अमेरिका के रवैये की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध गैरकानूनी प्रतिस्पर्धा का हथियार हैं. सच्चे दोस्त ऐसा व्यवहार नहीं करते. बाबुश्किन ने यह भी कहा कि रूस और ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) कभी प्रतिबंध नहीं लगाते. उन्होंने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र से मंजूर न हुए किसी भी प्रतिबंध को अवैध मानते हैं. यह सिर्फ अर्थव्यवस्था को हथियार बनाने की कोशिश है.

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