थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर पर बढ़ा टेंशन, दोनों देशों की सीमाएं बंद

कंबोडिया की रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेता ने कहा कि थाई सेना ने कंबोडिया की संप्रभुता का उल्लंघन किया. वहीं, थाई सेना का दावा है कि कंबोडियाई बलों ने पहले गोलीबारी शुरू की. तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों ने कड़े कदम उठाए.

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Courtesy: Social Media

Thailand-Cambodia Border Clash: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है. प्रसात ता मुएन थॉम मंदिर के पास बुधवार को हुई झड़प ने स्थिति को और गंभीर कर दिया. यह मंदिर थाईलैंड के सुरिन प्रांत में है, लेकिन कंबोडिया इस पर दावा करता है. 

कंबोडिया की रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेता ने कहा कि थाई सेना ने कंबोडिया की संप्रभुता का उल्लंघन किया. वहीं, थाई सेना का दावा है कि कंबोडियाई बलों ने पहले गोलीबारी शुरू की. तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों ने कड़े कदम उठाए. थाईलैंड ने कंबोडिया से लगी अपनी पूर्वोत्तर सीमा बंद कर दी. कंबोडिया ने भी जवाबी कार्रवाई की और थाई राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया. थाईलैंड ने अपने राजदूत को वापस बुलाया और कंबोडिया के दूत को बैंकॉक से निष्कासित कर दिया.

F-16 विमानों की तैनाती

थाई सेना ने अपनी सीमा पर F-16 लड़ाकू विमान खड़ा कर दिया है. थाई सेना की उप प्रवक्ता ऋचा सुक्सुवानन ने कहा कि हमने सैन्य ठिकानों पर हवाई शक्ति का इस्तेमाल शुरू किया है. यह कदम कंबोडियाई सेना के खिलाफ कार्रवाई के लिए उठाया गया. गुरुवार सुबह कंबोडियाई सैनिकों ने गोलीबारी की, जिसके जवाब में थाई सेना ने भी कार्रवाई की. इस झड़प में तीन थाई नागरिक घायल हो गए. थाई दूतावास ने कंबोडिया में मौजूद अपने नागरिकों से जल्द देश छोड़ने को कहा. हालांकि, जिनके पास "अत्यावश्यक मामले" हैं, उन्हें रहने की सलाह दी गई. कंबोडिया ने भी अपने नागरिकों को थाईलैंड से लौटने के लिए कहा. सीमा बंद होने से व्यापार और पर्यटन पर असर पड़ा है. 

बारूदी सुरंगों का विवाद

तनाव का एक बड़ा कारण बारूदी सुरंगें हैं. थाईलैंड का आरोप है कि कंबोडिया ने सुरक्षित रास्तों पर बारूदी सुरंगें बिछाकर समझौते का उल्लंघन किया. कंबोडिया ने कहा कि ये सुरंगें 1970-1988 के गृहयुद्ध के समय की हैं. हाल ही में एक सुरंग विस्फोट में पांच सैनिक घायल हुए. थाईलैंड ने अपनी चक्रपोंग फुवानार्ट आपातकालीन योजना लागू की है, जो आखिरी बार 2011 में प्रीह विहियर मंदिर विवाद के दौरान शुरू की गई थी. थाईलैंड की कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत शांति की बात कही. लेकिन, मई में हुए संघर्ष और एक विवादास्पद फोन कॉल ने स्थिति को जटिल बना दिया. इस फोन कॉल के बाद प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को पद से हटाया गया. दोनों देशों के बीच बातचीत की कोशिशें जारी हैं, लेकिन तनाव कम होने के आसार नहीं दिख रहे.ति और बातचीत की दिशा में कदम उठाने चाहिए. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर इस विवाद पर है, और जल्द समाधान की उम्मीद है.

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