बैक टू बैक 6 बार हिली धरती, सड़क पर आ गए लोग; तिब्बत में 126 की मौत

तिब्बत के टिंगरी काउंटी में मंगलवार को 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप सहित छह भूकंप आए, जिन्होंने व्यापक विनाश किया. इस भूकंप के झटके भारत, नेपाल और भूटान तक महसूस किए गए. इमारतों के हिलने और मलबे के ढेर ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी.  

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Courtesy: Social Media

Earthquake: तिब्बत के टिंगरी काउंटी में मंगलवार को 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप सहित छह भूकंप आए, जिन्होंने व्यापक विनाश किया. इस भूकंप के झटके भारत, नेपाल और भूटान तक महसूस किए गए. इमारतों के हिलने और मलबे के ढेर ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी.  

शुरुआती रिपोर्टों में कम हताहतों की बात कही गई थी. लेकिन मलबे से शव निकालने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 126 हो गई और 188 से अधिक लोग घायल हो गए. सुबह-सुबह आए इस भूकंप ने कई इमारतों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. जिससे कई समुदाय राहत और पुनर्वास की गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.  

हिमालय की ऊंचाई में भी बदलाव?

टिंगरी काउंटी जो भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव क्षेत्र में स्थित है, भूकंप का जाना-पहचाना इलाका है. इस क्षेत्र की भूगर्भीय विशेषताओं के कारण हिमालय की ऊंचाई में भी बदलाव संभव है. चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने बताया कि भूकंप के केंद्र के पास कई इमारतें ढह गईं.  

दिल्ली-एनसीआर, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम समेत उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए. नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी झटके के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए. नेपाल के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि भूकंप का असर तिब्बत की सीमा से लगे सात पहाड़ी जिलों में महसूस हुआ.  
 

भारत सरकार ने जताया दुख

भारत सरकार ने तिब्बत में हुए नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि तिब्बत में आए विनाशकारी भूकंप से हुई जान-माल की क्षति पर भारत सरकार और लोग दुख प्रकट करते हैं. हमारी प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार पहला 7.1 तीव्रता का भूकंप सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा पर आया. इसके बाद शिगात्से शहर में 6.8 तीव्रता का झटका और 4.7 व 4.9 तीव्रता के दो और झटके दर्ज किए गए. पिछले पांच वर्षों में शिगात्से क्षेत्र में 29 भूकंप आए हैं, लेकिन मंगलवार का भूकंप सबसे विनाशकारी साबित हुआ.  
 

Earthquake: तिब्बत के टिंगरी काउंटी में मंगलवार को 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप सहित छह भूकंप आए, जिन्होंने व्यापक विनाश किया. इस भूकंप के झटके भारत, नेपाल और भूटान तक महसूस किए गए. इमारतों के हिलने और मलबे के ढेर ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी.  

शुरुआती रिपोर्टों में कम हताहतों की बात कही गई थी. लेकिन मलबे से शव निकालने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 126 हो गई और 188 से अधिक लोग घायल हो गए. सुबह-सुबह आए इस भूकंप ने कई इमारतों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. जिससे कई समुदाय राहत और पुनर्वास की गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.  

हिमालय की ऊंचाई में भी बदलाव?

टिंगरी काउंटी जो भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव क्षेत्र में स्थित है, भूकंप का जाना-पहचाना इलाका है. इस क्षेत्र की भूगर्भीय विशेषताओं के कारण हिमालय की ऊंचाई में भी बदलाव संभव है. चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने बताया कि भूकंप के केंद्र के पास कई इमारतें ढह गईं.  

दिल्ली-एनसीआर, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम समेत उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए. नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी झटके के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए. नेपाल के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि भूकंप का असर तिब्बत की सीमा से लगे सात पहाड़ी जिलों में महसूस हुआ.  
 

भारत सरकार ने जताया दुख

भारत सरकार ने तिब्बत में हुए नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि तिब्बत में आए विनाशकारी भूकंप से हुई जान-माल की क्षति पर भारत सरकार और लोग दुख प्रकट करते हैं. हमारी प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार पहला 7.1 तीव्रता का भूकंप सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा पर आया. इसके बाद शिगात्से शहर में 6.8 तीव्रता का झटका और 4.7 व 4.9 तीव्रता के दो और झटके दर्ज किए गए. पिछले पांच वर्षों में शिगात्से क्षेत्र में 29 भूकंप आए हैं, लेकिन मंगलवार का भूकंप सबसे विनाशकारी साबित हुआ.  
 

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