गणेश चतुर्थी पर घर सजाने का DIY आइडियाज, पर्यावरण के साथ-साथ मेक इन इंडिया को करें सपोर्ट

गणेश चतुर्थी पर सिंथेटिक सजावट खरीदने की बजाय घर में पड़ी पुरानी साड़ियों, दुपट्टों या रंगीन कपड़ों का उपयोग करें. इनसे गणेश प्रतिमा के लिए खूबसूरत पृष्ठभूमि बनाई जा सकती है. थोड़ी रचनात्मकता के साथ परी लाइट्स या पारंपरिक दीये लगाएं. यहां हम आपको कुछ खास DIY आइडियाज दे रहे हैं.

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Courtesy: Social Media

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहते हैं, भारत का एक प्रमुख त्योहार है. यह भगवान गणेश की भक्ति का प्रतीक है, जो विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माने जाते हैं. इस साल 27 अगस्त को यह त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा.

घरों में प्रार्थना, मिठाइयां और पारिवारिक मिलन के साथ-साथ सजावट भी इस उत्सव को खास बनाती है. लेकिन अब लोग पर्यावरण को ध्यान में रखकर स्थायी और किफायती सजावट की ओर बढ़ रहे हैं. आइए जानें पांच आसान और पर्यावरण-अनुकूल DIY सजावट का तरीका.

पुरानी साड़ियों और दुपट्टों से सेजावट

सिंथेटिक सजावट खरीदने की बजाय घर में पड़ी पुरानी साड़ियों, दुपट्टों या रंगीन कपड़ों का उपयोग करें. इनसे गणेश प्रतिमा के लिए खूबसूरत पृष्ठभूमि बनाई जा सकती है. थोड़ी रचनात्मकता के साथ परी लाइट्स या पारंपरिक दीये लगाएं. यह न सिर्फ कचरे को कम करता है, बल्कि सजावट में घरेलू और पारंपरिक आकर्षण भी जोड़ता है. यह आपके लिए सस्ता के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी बेहतर रहेगा.

केले और ताड़ के पत्तों का प्राकृतिक स्पर्श  

पहले के ज़माने में केले और ताड़ के पत्ते सजावट का अहम हिस्सा थे. इस परंपरा को फिर से अपनाएं. इन पत्तों को मंडप के चारों ओर साइड पैनल या दीवार की सजावट के रूप में इस्तेमाल करें. ये पत्ते कई दिन ताजा रहते हैं और उत्सव को हरियाली का एहसास देते हैं. त्योहार के बाद इन्हें खाद में बदला जा सकता है, जिससे कोई कचरा नहीं रहता. यह पर्यावरण के लिए एक बेहतरीन कदम है.

कार्डबोर्ड से रचनात्मक कटआउट  

थर्मोकोल या प्लास्टिक कटआउट की जगह पुराने कार्डबोर्ड बॉक्स का इस्तेमाल करें. इन्हें फूलों, मंदिर के मेहराब या पारंपरिक डिज़ाइनों के आकार में काटें. बच्चों को इस काम में शामिल करें. यह गतिविधि न सिर्फ मजेदार है, बल्कि परिवार को एक साथ लाती है. यह सजावट पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती और घर में उपलब्ध सामग्री से आसानी से बन जाती है.

फूलों और जैविक रंगों से रंगोली  

रंगोली गणेश चतुर्थी का अभिन्न हिस्सा है. लेकिन रासायनिक रंग मिट्टी को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके बजाय फूलों की पंखुड़ियां, हल्दी, चावल का पाउडर या प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें. फूलों की रंगोली न सिर्फ सुंदर दिखती है, बल्कि एक मनमोहक सुगंध भी फैलाती है. यह बायोडिग्रेडेबल होती है और मूर्ति के आसपास शांत वातावरण बनाती है.

कांच के जार और बोतलों से रोशनी  

गणेश चतुर्थी की रातें रोशनी से जगमगाती हैं. प्लास्टिक के दीयों की जगह पुराने कांच के जार, बोतलें या टिन के डिब्बों का उपयोग करें. इन्हें रंगों से सजाकर लालटेन या टीलाइट होल्डर बनाएं. पर्यावरण-अनुकूल मोमबत्तियां या तेल के दीये जलाएं. इससे उत्सव में जादुई माहौल बनेगा. ये DIY सजावट के विचार न सिर्फ किफायती हैं, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखते हैं. 

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