दुनिया भर में मनाया जा रहा सुशी डे, इन प्रकारों को करें टेस्ट

सुशी सिरके वाले चावल, कच्चे समुद्री भोजन और सब्जियों से बनती है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन B12, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. आइए, सुशी के विभिन्न प्रकारों और उनके आकर्षण को जानें.

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Courtesy: Social Media

Sushi Day: हर साल 18 जून को अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस मनाया जाता है. यह दिन जापानी व्यंजन सुशी के स्वाद और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देता है. पहली बार 2009 में शुरू हुआ यह उत्सव लोगों को सुशी आजमाने के लिए प्रेरित करता है. सुशी सिरके वाले चावल, कच्चे समुद्री भोजन और सब्जियों से बनती है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन B12, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. आइए, सुशी के विभिन्न प्रकारों और उनके आकर्षण को जानें.

निगिरी: पारंपरिक सुशी का स्वाद

निगिरी सुशी का सबसे पारंपरिक रूप है. इसमें सिरके वाले चावल का छोटा ढेर होता है, जिसे हाथ से दबाया जाता है. इसके ऊपर टूना, सैल्मन या झींगा जैसी मछली का टुकड़ा रखा जाता है. इसे वसाबी या समुद्री शैवाल से सजाया जाता है. निगिरी का सरल स्वाद इसे सुशी प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाता है. यह पहली बार सुशी आजमाने वालों के लिए भी उपयुक्त है.

साशिमी: बिना चावल की खासियत

साशिमी को तकनीकी रूप से सुशी नहीं माना जाता, क्योंकि इसमें चावल नहीं होता. यह पतली कटी कच्ची मछली या समुद्री भोजन है. साशिमी में आमतौर पर टूना और सैल्मन का उपयोग होता है. इसे अकेले या सोया सॉस और वसाबी के साथ परोसा जाता है. इसका शुद्ध स्वाद मछली की ताजगी को उजागर करता है.

उरामकी: पश्चिमी शैली की सुशी

उरामकी एक आधुनिक सुशी है, जिसमें चावल रोल के बाहर होता है. इसे तिल या टोबिको (मछली के अंडे) से सजाया जाता है. यह पश्चिमी देशों में बहुत लोकप्रिय है. नए सुशी प्रेमियों के लिए उरामकी एक शानदार शुरुआत है. इसका रंगीन और आकर्षक रूप इसे खास बनाता है.

माकी: रोल्ड सुशी की विविधता

माकी सुशी में मछली और सब्जियों को सिरके वाले चावल के साथ समुद्री शैवाल (नोरी) में लपेटा जाता है. फिर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है. माकी के कई प्रकार हैं, जैसे फूटोमाकी, होसोमाकी और उरामकी. यह सुशी का सबसे आम और पसंदीदा रूप है. इसका हर टुकड़ा स्वाद और बनावट का अनूठा मिश्रण देता है.

चिराशी: रंगीन और स्वादिष्ट

चिराशी का अर्थ है "बिखरा हुआ." यह एक कटोरे में परोसी जाने वाली सुशी है. इसमें सुशी चावल के ऊपर कच्ची मछलियां, सब्जियां और गार्निश होते हैं. यह रंगीन और अनुकूलन योग्य डिश है. अन्य सुशी की तुलना में यह कम संरचित होती है. चिराशी का हर कटोरा एक दृश्य और स्वाद का उत्सव होता है.

सुशी का बढ़ता चलन

भारत में भी सुशी की लोकप्रियता बढ़ रही है. कई रेस्तरां अब विभिन्न प्रकार की सुशी पेश कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस लोगों को इस जापानी व्यंजन को आजमाने का मौका देता है. इसके स्वास्थ्य लाभ और स्वाद इसे खास बनाते हैं. अगर आपने अभी तक सुशी नहीं आजमाई, तो यह सही समय है.

क्यों खास है सुशी?

सुशी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिक भी है. यह हल्का और सेहतमंद भोजन है. इसके विविध रूप हर किसी के लिए कुछ न कुछ पेश करते हैं. इस सुशी दिवस पर, अपने नजदीकी रेस्तरां में सुशी का आनंद लें और इस जापानी कला को सेलिब्रेट करें.

Sushi Day: हर साल 18 जून को अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस मनाया जाता है. यह दिन जापानी व्यंजन सुशी के स्वाद और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देता है. पहली बार 2009 में शुरू हुआ यह उत्सव लोगों को सुशी आजमाने के लिए प्रेरित करता है. सुशी सिरके वाले चावल, कच्चे समुद्री भोजन और सब्जियों से बनती है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन B12, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. आइए, सुशी के विभिन्न प्रकारों और उनके आकर्षण को जानें.

निगिरी: पारंपरिक सुशी का स्वाद

निगिरी सुशी का सबसे पारंपरिक रूप है. इसमें सिरके वाले चावल का छोटा ढेर होता है, जिसे हाथ से दबाया जाता है. इसके ऊपर टूना, सैल्मन या झींगा जैसी मछली का टुकड़ा रखा जाता है. इसे वसाबी या समुद्री शैवाल से सजाया जाता है. निगिरी का सरल स्वाद इसे सुशी प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाता है. यह पहली बार सुशी आजमाने वालों के लिए भी उपयुक्त है.

साशिमी: बिना चावल की खासियत

साशिमी को तकनीकी रूप से सुशी नहीं माना जाता, क्योंकि इसमें चावल नहीं होता. यह पतली कटी कच्ची मछली या समुद्री भोजन है. साशिमी में आमतौर पर टूना और सैल्मन का उपयोग होता है. इसे अकेले या सोया सॉस और वसाबी के साथ परोसा जाता है. इसका शुद्ध स्वाद मछली की ताजगी को उजागर करता है.

उरामकी: पश्चिमी शैली की सुशी

उरामकी एक आधुनिक सुशी है, जिसमें चावल रोल के बाहर होता है. इसे तिल या टोबिको (मछली के अंडे) से सजाया जाता है. यह पश्चिमी देशों में बहुत लोकप्रिय है. नए सुशी प्रेमियों के लिए उरामकी एक शानदार शुरुआत है. इसका रंगीन और आकर्षक रूप इसे खास बनाता है.

माकी: रोल्ड सुशी की विविधता

माकी सुशी में मछली और सब्जियों को सिरके वाले चावल के साथ समुद्री शैवाल (नोरी) में लपेटा जाता है. फिर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है. माकी के कई प्रकार हैं, जैसे फूटोमाकी, होसोमाकी और उरामकी. यह सुशी का सबसे आम और पसंदीदा रूप है. इसका हर टुकड़ा स्वाद और बनावट का अनूठा मिश्रण देता है.

चिराशी: रंगीन और स्वादिष्ट

चिराशी का अर्थ है "बिखरा हुआ." यह एक कटोरे में परोसी जाने वाली सुशी है. इसमें सुशी चावल के ऊपर कच्ची मछलियां, सब्जियां और गार्निश होते हैं. यह रंगीन और अनुकूलन योग्य डिश है. अन्य सुशी की तुलना में यह कम संरचित होती है. चिराशी का हर कटोरा एक दृश्य और स्वाद का उत्सव होता है.

सुशी का बढ़ता चलन

भारत में भी सुशी की लोकप्रियता बढ़ रही है. कई रेस्तरां अब विभिन्न प्रकार की सुशी पेश कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस लोगों को इस जापानी व्यंजन को आजमाने का मौका देता है. इसके स्वास्थ्य लाभ और स्वाद इसे खास बनाते हैं. अगर आपने अभी तक सुशी नहीं आजमाई, तो यह सही समय है.

क्यों खास है सुशी?

सुशी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिक भी है. यह हल्का और सेहतमंद भोजन है. इसके विविध रूप हर किसी के लिए कुछ न कुछ पेश करते हैं. इस सुशी दिवस पर, अपने नजदीकी रेस्तरां में सुशी का आनंद लें और इस जापानी कला को सेलिब्रेट करें.

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