बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आने में अब कुछ घंटे बाकी हैं. मतगणना शुक्रवार 14 नवंबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. अगर एग्जिट पोल सही निकले तो सत्तारूढ़ एनडीए को भारी बहुमत मिल सकता है. इससे रुझान जल्दी साफ हो जाएंगे, लेकिन विपक्ष नए आरोप लगा रहा है और दावतों की तैयारी भी चल रही है. यह चुनाव तय करेगा कि नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे या तेजस्वी यादव का महागठबंधन सत्ता हासिल करेगा.
चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. यह काम 38 जिलों में 46 केंद्रों पर होगा. कुल सात करोड़ चालीस लाख मतदाता थे जिन्होंने ढाई हजार से ज्यादा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया. छह और ग्यारह नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ जिसमें सड़सठ फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड हुई. यह स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव 1951 के बाद बिहार में सबसे ज्यादा मतदान है. लेकिन राजद के आरोपों के चलते सुरक्षा बढ़ा दी गई है. राज्य प्रशासन भी सतर्क है.
मतगणना केंद्रों पर दोहरी सुरक्षा व्यवस्था है. वोटिंग मशीनें डबल लॉक सिस्टम से स्ट्रांगरूम में सील हैं. अंदर केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं और बाहर राज्य पुलिस संभाल रही है. सीसीटीवी कैमरे हर जगह लगे हैं. पारदर्शिता के लिए मतगणना की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. इसमें चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक और उम्मीदवारों के एजेंट मौजूद रहेंगे. विपक्ष चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है इसलिए यह कदम जरूरी है. चुनाव आचार संहिता सोलह नवंबर तक लागू रहेगी. पटना में जुलूस सभाएं और प्रदर्शन पर पूरी रोक है.
एग्जिट पोल में एनडीए को साफ बढ़त मिल रही है. इसमें जेडीयू बीजेपी के अलावा चिराग पासवान की पार्टी जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल हैं. प्रचार में एनडीए ने अपनी कल्याणकारी योजनाएं खासकर महिलाओं के लिए बताईं. महिलाएं पुरुषों से ज्यादा वोट डालने आईं.
एनडीए ने राजद के पुराने जंगल राज की याद दिलाई. एक्सिस माई इंडिया ने एनडीए को एक सौ इक्कीस से एक सौ इकतालीस सीटें दीं. यह बहुमत से थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है. महागठबंधन को अट्ठानवे से एक सौ अठारह सीटें मिलने का अनुमान है. इसमें राजद कांग्रेस कम्युनिस्ट पार्टियां मुकेश साहनी की वीआईपी और अन्य शामिल हैं. महागठबंधन ने सामाजिक न्याय और संस्थाओं पर कब्जे का मुद्दा उठाया.
एक्सिस माई इंडिया के अनुसार राजद सड़सठ से छिहत्तर सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनेगी. बीस बीस में भी राजद ने पचहत्तर सीटें जीती थीं लेकिन गठबंधन बहुमत से दूर रहा. एनडीए को उस बार एक सौ पच्चीस सीटें मिलीं. इस बार जदयू छप्पन से बासठ सीटों के साथ दूसरे नंबर पर होगी. बीजेपी पचास से छप्पन सीटें लेकर तीसरे स्थान पर रहेगी. जदयू का यह पुनरुत्थान माना जा रहा है क्योंकि पिछली बार बीजेपी से कम सीटें मिली थीं. इसलिए इस बार टिकट बराबर बांटे गए.