दिल्ली-NCR में फिर चरम पर पहुंचा प्रदूषण, AQI पर बढ़ रही लोगों की चिंता; जानें अपने इलाके का हाल

CPCB के SAMEER ऐप से मिले डेटा के मुताबिक, दिल्ली के 40 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 20 ने 'गंभीर' श्रेणी (401 से ऊपर) में रीडिंग दर्ज की.

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Courtesy: X (@cbhushanamazon)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में एक बार फिर वायु प्रदूषण की मार पड़ रही है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह दिल्ली-NCR का समग्र एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 391 के स्तर पर पहुंच गया. इससे शहर के कई हिस्सों में धुंध की मोटी चादर छा गई, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई और लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

CPCB के SAMEER ऐप से मिले डेटा के मुताबिक, दिल्ली के 40 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 20 ने 'गंभीर' श्रेणी (401 से ऊपर) में रीडिंग दर्ज की. सबसे खराब स्थिति आनंद विहार में रही, जहां AQI 445 तक पहुंच गया. इसके बाद शादिपुर में 443 का स्तर दर्ज हुआ. 

कई इलाकों में हाल हुआ बेहाल 

दिल्ली के अन्य प्रमुख इलाकों में अशोक विहार (424), बवाना (422), चांदनी चौक (415), डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज (407),  आरके पुरम (417), रोहिणी (434), नेहरू नगर (434), विवेक विहार (428) और वजीरपुर (433) शामिल हैं. इन सभी क्षेत्रों में AQI 'गंभीर' स्तर को पार कर गया. इनके विपरीत, NSIT द्वारका एकमात्र स्टेशन था जहां AQI 'खराब' श्रेणी में 214 रहा, जो अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति दर्शाता है. वर्तमान में दिल्ली का AQI 'बहुत खराब' से 'गंभीर' की ओर बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वास रोगियों के लिए.

दिल्ली-NCR में छाई धुंध के पीछे मुख्य कारण कम हवा की गति है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, क्षेत्र में हवाएं शांत रहने से प्रदूषक हवा में फंस गए, जिससे AQI में तेज उछाल आया. विजिबिलिटी कम होने से सुबह के समय वाहन चलाना भी जोखिम भरा हो गया.

राहत की उम्मीद कम

मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में बना रहेगा. हवा की गति में सुधार न होने से प्रदूषण स्तर ऊंचे बने रहने की आशंका है. विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के मौसम में यह समस्या हर साल दोहराई जाती है, और स्थायी समाधान की जरूरत है. निवासियों से अपील है कि मास्क पहनें, अनावश्यक बाहर निकलने से बचें और प्रदूषण कम करने के उपाय अपनाएं. सरकार और नागरिकों का संयुक्त प्रयास ही इस समस्या से निजात दिला सकता है.

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