झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन! गंगा राम अस्पताल में चल रहा था इलाज

शिबू सोरेन को उनके समर्थकों ने ‘दिशुम गुरु’ यानी महान नेता का नाम दिया. वे एक कद्दावर आदिवासी नेता थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही. उन्होंने 1987 से अप्रैल 2025 तक झामुमो का नेतृत्व किया.

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Courtesy: Social Media

Shibu Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन का आज यानी सोमवार को दिल्ली के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया. 81 वर्षीय सोरेन लंबे समय से बीमार थे. उनकी मृत्यु से झारखंड की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावुक संदेश में कहा कि आदरणीय दिशुम गुरु हम सबको छोड़कर चले गए. आज मैं शून्य हो गया हूं.

शिबू सोरेन को जून के अंतिम सप्ताह में गुर्दे की बीमारी के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हाल के वर्षों में वे सक्रिय राजनीति से दूर रहे थे. उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई, और अंततः उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर ने उनके समर्थकों को गहरे सदमे में डाल दिया.

‘दिशुम गुरु’ की राजनीतिक यात्रा  

शिबू सोरेन को उनके समर्थकों ने ‘दिशुम गुरु’ यानी महान नेता का नाम दिया. वे एक कद्दावर आदिवासी नेता थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही. उन्होंने 1987 से अप्रैल 2025 तक झामुमो का नेतृत्व किया. वे झारखंड राज्य के आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे. उनकी अगुवाई में झारखंड को अलग राज्य का दर्जा मिला. शिबू सोरेन ने तीन बार झारखंड की कमान संभाली है. पहली बार उन्हें 2005 में मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि उन्होंने अपने किसी भी कार्यकाल को पूरा नहीं संभाला.

झारखंड आंदोलन के नायक  

शिबू सोरेन ने झारखंड के आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया. उनके नेतृत्व में झामुमो ने आदिवासियों और गरीबों की आवाज बुलंद की. अलग झारखंड राज्य का सपना उनकी मेहनत से साकार हुआ. उनकी सादगी और जनता से जुड़ाव ने उन्हें लोकप्रिय बनाया. उनके निधन से झारखंड ने एक बड़ा नेता खो दिया. शिबू सोरेन के निधन से झारखंड में शोक की लहर है. उनकी विरासत को झामुमो और झारखंड की जनता हमेशा संजोकर रखेगी. उनके बेटे हेमंत सोरेन अब उनके सपनों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. शिबू सोरेन का योगदान झारखंड की राजनीति और समाज में हमेशा याद किया जाएगा.

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