इंदौर ने लगातार 8वीं बार जिता स्वच्छता का खिताब, जानें दूसरे नंबर पर कौन?

स्वच्छ सर्वेक्षण में सुपर लीग श्रेणी नई शुरूआत है. सितंबर 2024 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी घोषणा की थी. इसमें वे शहर शामिल हैं, जो पिछले तीन साल में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में रहे.

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Courtesy: Social Media

Cleanest City in India: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस साल फिर स्वच्छ सर्वेक्षण के विजेताओं की घोषणा की. इंदौर को "सुपर स्वच्छ लीग शहर" और दस लाख आबादी की श्रेणी में सबसे स्वच्छ शहर चुना गया. सूरत, नवी मुंबई और विजयवाड़ा भी शीर्ष स्थानों पर रहे.  

इंदौर ने स्वच्छता में फिर बाजी मारी. यह शहर लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर बना. जनवरी 2024 में भी इंदौर और सूरत संयुक्त रूप से पहले स्थान पर थे. इंदौर ने अपनी स्वच्छता की मिसाल कायम रखी. सूरत ने भी प्लेग प्रभावित शहर की छवि को पीछे छोड़ा

कई मानकों पर आधारित सर्वेक्षण

स्वच्छ सर्वेक्षण में सुपर लीग श्रेणी नई शुरूआत है. सितंबर 2024 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी घोषणा की थी. इसमें वे शहर शामिल हैं, जो पिछले तीन साल में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में रहे. साथ ही, चालू वर्ष में अपनी जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 20% में हों. इंदौर इस श्रेणी में अव्वल रहा. पुरस्कार 54 संकेतकों और 10 मानकों पर आधारित हैं. इनमें स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और जन सहभागिता शामिल है. 14 करोड़ लोगों ने स्वच्छता ऐप, MyGov और सोशल मीडिया के जरिए हिस्सा लिया. आमने-सामने बातचीत से भी फीडबैक लिया गया. यह सर्वेक्षण शहरों की स्वच्छता का सटीक आकलन करता है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को 78 पुरस्कार दिए. इस समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य मंत्री तोखन साहू और मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास के. मौजूद थे. यह आयोजन स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का प्रतीक है.  

इंदौर और सूरत की मिसाल  

इंदौर ने अपनी साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन से दुनिया में नाम कमाया. सूरत ने भी स्वच्छता में अपनी पहचान बनाई. दोनों शहर अन्य शहरों के लिए प्रेरणा हैं. नवी मुंबई और विजयवाड़ा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया. स्वच्छ सर्वेक्षण देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाता है. इंदौर जैसे शहर साबित करते हैं कि सही योजना और जनभागीदारी से स्वच्छता संभव है. सरकार ने सभी शहरों से ऐसी पहल की अपेक्षा की. स्वच्छ भारत मिशन को और मजबूत करने की जरूरत है. इंदौर और सूरत जैसे शहरों की सफलता अन्य शहरों को प्रेरित करेगी. जन सहभागिता और बेहतर प्रबंधन से देश स्वच्छता में नया कीर्तिमान बनाएगा.  

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