Gujarat Cabinet Expansion: गुजरात के राजनीतिक गलियारों में गुरुवार को हलचल मच गई, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर मंत्रिमंडल के सभी 16 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. यह कदम नए मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता साफ करने के लिए उठाया गया है. शुक्रवार दोपहर 12:39 बजे नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह होगा. इस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के शामिल होने की उम्मीद है.
सूत्रों के अनुसार, गुजरात मंत्रिमंडल के इस विस्तार में लगभग 10 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है. एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि मौजूदा मंत्रियों में से आधे को बदला जा सकता है. धर्मेंद्रसिंह, ऋषिकेश पटेल, मुकेश पटेल और भूपेंद्रसिंह चुडासमा जैसे मंत्रियों के अपने पद पर बने रहने की संभावना है. वहीं, कनुभाई देसाई (वित्त), राघवजी पटेल (कृषि), कुंवरजी बावलिया (जल आपूर्ति) और मुरुभाई बेरा (पर्यटन) जैसे मंत्रियों को हटाए जाने की चर्चा है.
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में नियमों के अनुसार अधिकतम 27 मंत्री हो सकते हैं, जो सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत है. वर्तमान में मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 17 मंत्री हैं, जिनमें 8 कैबिनेट स्तर के और 9 राज्य मंत्री हैं. नए मंत्रिमंडल में नए और अनुभवी चेहरों का मिश्रण देखने को मिल सकता है. भाजपा ने इस बदलाव के लिए पहले से ही रणनीति बना ली है. सभी भाजपा विधायकों को गुरुवार तक गांधीनगर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. यह मंत्रिमंडल विस्तार पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह गुजरात में संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने की दिशा में एक कदम है. शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी इसे और भी खास बनाती है.
भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने विकास और प्रशासन के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. हाल ही में, राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा को केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की जगह भाजपा की गुजरात इकाई का नया अध्यक्ष बनाया गया. यह बदलाव भी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. यह मंत्रिमंडल विस्तार गुजरात की राजनीति में नई ऊर्जा ला सकता है. नए मंत्रियों के शामिल होने से सरकार को नई दिशा मिलने की उम्मीद है. साथ ही, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह स्पष्ट होगा कि गुजरात की नई मंत्रिपरिषद में किन चेहरों को जगह मिलती है और यह बदलाव राज्य के विकास को कैसे प्रभावित करता है.