दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा! दानिश के फोन से मिली हमास जैसी ड्रोन वार की साजिश के सबूत

दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भीषण विस्फोट की जांच लगातार अहम मोड़ ले रही है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) अब इस मामले को एक बड़े आतंकी मॉड्यूल से जोड़कर देख रही है.

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Delhi blast case: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भीषण विस्फोट की जांच लगातार अहम मोड़ ले रही है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) अब इस मामले को एक बड़े आतंकी मॉड्यूल से जोड़कर देख रही है. ताज़ा जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आतंकी जसीर बिलाल उर्फ दानिश के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं, जो देश में हमास पैटर्न पर ड्रोन हमला करने की साजिश की ओर इशारा करते हैं.

फोन से मिले दर्जनों ड्रोन और हथियारों के साक्ष्य

NIA को दानिश की डिलीट हिस्ट्री से कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि वह न सिर्फ ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित था, बल्कि हल्के और तेजी से उड़ने वाले ड्रोन तैयार करने की कोशिश भी कर रहा था. उसके फोन से दर्जनों ड्रोन की तस्वीरें मिली हैं, जिनमें कुछ हमास द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन हमले की तकनीक से मिलती-जुलती मानी जा रही हैं.

जांच एजेंसी के मुताबिक ऐसे ड्रोन बनाने की तैयारी थी, जो हल्के हों और लगभग 25 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकें. ये क्षमता किसी भी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है.

रॉकेट लांचर और विस्फोटक लगाने की तकनीक वाले वीडियो

फोन से सिर्फ ड्रोन ही नहीं, बल्कि रॉकेट लांचर की तस्वीरें भी मिली हैं. इसके अलावा NIA को कुछ ऐसे वीडियो भी मिले हैं, जिनमें यह बताया गया है कि ड्रोन बम कैसे तैयार किए जाएं और उनमें विस्फोटक किस तरह फिट किए जाएं.

जांच में सामने आया है कि ये सभी वीडियो एक खास ऐप के जरिये दानिश तक पहुंचाए जा रहे थे. एजेंसी उस ऐप की तकनीकी गतिविधियों और उससे जुड़े विदेशी नंबरों की भी जांच कर रही है. इससे यह शक और गहरा हो गया है कि इस मॉड्यूल की जड़ें भारत से बाहर भी फैली हैं.

कौन है दानिश?

17 नवंबर को NIA ने जसीर बिलाल उर्फ दानिश को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से गिरफ्तार किया था. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वह ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का एक अहम हिस्सा था.

सूत्रों के मुताबिक, लाल किले पर हमला करने वाले डॉ. उमर ने दानिश को दिल्ली ब्लास्ट के लिए संभावित सुसाइड बॉम्बर के रूप में तैयार किया था. काजीगुंड निवासी दानिश टेक्निकल सपोर्ट भी प्रदान कर रहा था और ड्रोन आधारित हमले की योजना का हिस्सा था.

10 नवंबर के धमाके से जुड़े तार

दिल्ली के लाल किले के पास खड़ी एक कार में हुए धमाके में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई थी और 20 से अधिक घायल हो गए थे. जांच में पता चला कि इस साजिश के पीछे जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठनों से जुड़े तत्व सक्रिय थे. अब दानिश के फोन से मिले डिजिटल सबूतों ने सुरक्षा एजेंसियों को साफ संकेत दे दिया है कि यह मॉड्यूल सिर्फ बम धमाके तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत में ड्रोन वॉर जैसे बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की तैयारी भी चल रही थी.

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