Supreme Court on Diwali Cracker: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के लिए अस्थायी राहत दी है. कोर्ट ने केवल हरित पटाखों को फोड़ने की अनुमति दी है. यह अनुमति 18 से 21 अक्टूबर तक लागू रहेगी. पटाखे सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक फोड़े जा सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि पर्यावरण और उत्सव के बीच संतुलन जरूरी है. इसलिए, केवल हरित पटाखों के उपयोग की अनुमति दी गई है. ये पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं. कोर्ट ने साफ कहा कि पर्यावरण से समझौता नहीं होगा.
दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर 2024 को पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था. बाद में इसे पूरे एनसीआर में लागू किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश का हवाला देते हुए नया निर्देश जारी किया. कोर्ट ने कहा कि संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है. इसीलिए सीमित समय के लिए हरित पटाखों को मंजूरी दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को सख्ती बरतने का आदेश दिया है. पुलिस को गश्ती दल बनाने को कहा गया है. ये दल यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल क्यूआर कोड वाले अनुमोदित पटाखे ही बिकें.कोर्ट ने गैर-अनुमोदित पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई है. दिल्ली-एनसीआर के बाहर से आने वाले पटाखों पर भी प्रतिबंध है.
कोर्ट ने नकली और अनधिकृत पटाखों के कारोबार पर सख्त रुख अपनाया. ऐसे विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित करने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इससे पर्यावरण और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक परंपराओं के बीच संतुलन का प्रयास है. हरित पटाखों की अनुमति से लोग दिवाली मना सकेंगे. साथ ही, प्रदूषण को कम करने की कोशिश भी होगी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियमों का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है. सुप्रीम कोर्ट ने जनता से नियमों का पालन करने की अपील की है. लोगों से केवल अनुमोदित हरित पटाखे खरीदने और निर्धारित समय में उपयोग करने को कहा गया है. पुलिस और प्रशासन को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.