JDU ने जारी की 57 उम्मीदवारों की पहली सूची, अनंत सिंह, श्याम रजक समेत इन बड़े चेहरों को मिला टिकट

JDU Candidate List: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की.

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Courtesy: X (@JaikyYadav16, @RanjanSinghh_)

JDU Candidate List: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. इस सूची में कई वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक शामिल हैं. जदयू ने पांच ऐसी सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिन पर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने दावा किया था. यह कदम गठबंधन में तनाव को और बढ़ा सकता है.

जदयू ने अपनी सूची में कई बड़े नाम शामिल किए हैं. सोनबरसा से रत्नेश सदा, मोरवा से विद्यासागर निषाद, एकमा से धूमल सिंह और राजगीर से कौशल किशोर को टिकट दिया गया है. इसके अलावा, राज्य सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी सरायरंजन से, नरेंद्र नारायण यादव आलमनगर से, निरंजन कुमार मेहता बिहारीगंज से और रमेश ऋषि देव सिंहेश्वर से चुनाव लड़ेंगे. मधेपुरा से कविता साहा, महसी से गंधेश्वर साह, कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार, मोकामा से अनंत कुमार सिंह, फुलवारी से श्याम रजक और गायघाट से कोमल सिंह जैसे नेता भी मैदान में होंगे.

एनडीए गठबंधन के भीतर तनाव

जदयू ने कुछ सीटों पर बड़े बदलाव किए हैं. कुशेश्वरस्थान में अमन भूषण हजारी का टिकट रद्द कर अतिरेक कुमार को मौका दिया गया है. इसी तरह, बरबीघा से सुदर्शन का टिकट भी वापस लिया गया है, लेकिन नए उम्मीदवार की घोषणा अभी बाकी है.ये बदलाव पार्टी के रणनीतिक कदमों का हिस्सा माने जा रहे हैं. जदयू की इस सूची ने एनडीए गठबंधन के भीतर तनाव को उजागर किया है. भाजपा ने दानापुर, लालगंज, हिसुआ और अरवल जैसी सीटों पर चिराग पासवान के दावों को खारिज कर अपने प्रभाव वाली सीटों पर कब्जा बनाए रखा है. दूसरी ओर, जदयू ने पांच ऐसी सीटों पर उम्मीदवार उतारकर सीट बंटवारे के समझौते की अनदेखी की है, जिन पर चिराग की पार्टी दावा कर रही थी. 

चिराग पासवान की पार्टी को सीमित मौका

चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को एनडीए में सीमित हिस्सेदारी मिली है. उन्हें केवल दो सीटें—गोविंदगंज और ब्रह्मपुर—दी गई हैं. ब्रह्मपुर से हुलास पांडे को पार्टी का चुनाव चिन्ह मिला है. यह स्थिति चिराग की पार्टी के लिए असंतोष का कारण बन सकती है. जदयू की इस सूची और सीट बंटवारे पर उठे विवाद ने बिहार के सियासी माहौल को गरमा दिया है. एनडीए के भीतर सहयोगी दलों के बीच तालमेल की कमी चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है. जदयू का यह कदम न केवल गठबंधन की एकता पर सवाल उठाता है, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों को मजबूती देने का मौका भी दे सकता है.

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