पवन सिंह और खेसारी लाल के झगड़े पर रानी चटर्जी ने दी प्रतिक्रिया, कहा- ये उनकी बेवकूफी है

भोजपुरी सितारे पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच कई विवाद पहले भी सुने जा चुके हैं. अब इस मसले पर रानी चटर्जी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा है कि खेसारी का पवन सिंह को अपना प्रतिस्पर्धी कहना कितना सही है.

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Courtesy: Social Media

भोजपुरी सितारे पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच कई विवाद पहले भी सुने जा चुके हैं. अब इस मसले पर रानी चटर्जी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा है कि खेसारी का पवन सिंह को अपना प्रतिस्पर्धी कहना कितना सही है.

पवन सिंह और खेसारी लाल पर बोलीं रानी चटर्जी

भोजपुरी सिनेमा की दुनिया में पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के नाम अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. दोनों स्टार्स एक-दूसरे पर सार्वजनिक रूप से तंज कसते हुए नजर आते हैं, लेकिन कभी-कभी एक-दूसरे की सराहना भी करते हैं. इस विवाद पर कई भोजपुरी कलाकारों ने अपनी राय दी है, लेकिन एक्ट्रेस रानी चटर्जी का दृष्टिकोण कुछ अलग है. हाल ही में एक इंटरव्यू में रानी ने पवन सिंह और खेसारी लाल के बीच चल रही कंट्रोवर्सी पर बेबाकी से अपनी बात रखी.

हिंदीरश को दिए अपने हालिया इंटरव्यू में रानी चटर्जी ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से लेकर अपनी व्यक्तिगत जिंदगी तक कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की. लेकिन जब बात पवन सिंह और खेसारी लाल के बीच चल रहे विवादों की आई, तो एक्ट्रेस ने अपनी राय बेबाकी से रखी. आइए जानते हैं, रानी ने इस पर क्या कहा.

खेसारी जी का कोई मुकाबला नहीं बोलीं रानी चटर्जी

पवन सिंह और खेसारी लाल के बीच के विवाद पर रानी चटर्जी ने अपनी स्पष्ट राय दी. एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि खेसारी लाल खुद को फिट बताते हैं और पवन सिंह को अपना प्रतियोगी मानते हैं, तो रानी ने कहा, "खेसारी जी का कोई मुकाबला नहीं है, उनकी अपनी एक अलग पहचान है. लेकिन अगर वह ऐसा कहते हैं तो यह उनकी भूल है, क्योंकि यहां सभी से सीनियर लोग हैं. मुझे लगता है कि शायद वह पवन जी के बारे में बात कर रहे होंगे, लेकिन दोनों के बीच कोई प्रतियोगिता नहीं है. पवन जी और खेसारी जी दोनों की अपनी अलग पहचान है."

रानी चटर्जी ने आगे कहा, "मैं तो मनोज तिवारी जी के दौर से इंडस्ट्री को जानती हूं. हर दौर में एक नया अभिनेता आता है, और यही सिलसिला जारी रहता है. मनोज जी और रवि किशन जी साथ आए थे, फिर निरहुआ जी आए, इसके बाद पवन जी और फिर खेसारी जी. लेकिन खेसारी जी का नाम हमेशा पवन जी के बाद लिया जाएगा. तो इसमें आखिरकार कोई प्रतियोगिता नहीं है."

 

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