Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज यानी मंगलवार को निधन हो गया. 79 वर्ष की आयु में उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. सत्यपाल काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 11 मई को उन्हें यूरिन समस्या की वजह से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक सत्यपाल मधुमेह, किडनी की बीमारी, हाई बीपी और मोटापे से जूझ रहे थे. कुछ दिनों से उनकी हालत ठीक नहीं थी, जिसकी वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों द्वारा उनका उपचार किया जा रहा था, इसके बावजूद उनकी स्थिति में कोई सुधर देखने को नहीं मिली. हालत खराब होने के बाद आज दोपहर 1:12 बजे उनके निधन हो गया.
मलिक को क्रोनिक किडनी रोग था. इससे उन्हें डिसेमिनेटेड इंट्रावैस्कुलर कोएगुलेशन (DIC) और तीव्र किडनी क्षति हुई. उन्हें कई बार हेमोडायलिसिस की जरूरत पड़ी. अस्पताल में निमोनिया और सेप्टिक शॉक ने उनकी हालत और खराब कर दी. सभी चिकित्सा प्रयास नाकाम रहे. इनका का जन्म 1946 में उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ. उन्होंने छात्र जीवन में ही अपनी राजनीतिक करियार शुरू कर दी थी. 1974 में चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से बागपत से विधायक बने.
मलिक 2017 में बिहार के राज्यपाल बने. इसके बाद 2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया. उनके कार्यकाल में 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया. आज इस खास दिन के पूरे 6 साल भी हुए थे. बाद में वे गोवा और मेघालय के राज्यपाल भी रहे. मलिक के कार्यकाल में 2019 में पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए. उन्होंने इस हमले के लिए केंद्र सरकार की खुफिया विफलता को जिम्मेदार ठहराया था. उनके बेबाक बयानों ने उन्हें चर्चा में रखा.
मलिक अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे. उन्होंने 2021 में किसान आंदोलन का समर्थन किया. किरू जलविद्युत परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए. उन्होंने दावा किया कि उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश हुई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया.उनके निधन की खबर उनके आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा की गई. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इसे निजी क्षति बताया. कई नेताओं ने उन्हें निष्ठावान प्रशासक और मजबूत आवाज बताया. उनका अंतिम संस्कार 6 अगस्त 2025 को होगा. उनके परिवार में पत्नी इकबाल मलिक और बेटा देव कबीर हैं.