थरूर ने खोला वंशवाद का राज, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर साध दिया निशाना

शशि थरूर के एक लेख में राजनीतिक वंशवाद पर टिप्पणी से भाजपा ने कांग्रेस पर हमला किया. कांग्रेस नेताओं ने जवाब दिया कि वंशवाद सभी क्षेत्रों में है और गांधी परिवार का त्याग अनोखा है. यह विवाद पार्टी में आंतरिक मतभेद दिखाता है.

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Courtesy: X (@ShashiTharoor)

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को राजनीतिक वंशवाद पर टिप्पणी की, जिससे बड़ा बवाल खड़ा हो गया. भाजपा ने इसे उछाला और दावा किया कि थरूर ने कांग्रेस के राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला किया है. यह सब 31 अक्टूबर को प्रोजेक्ट सिंडिकेट पोर्टल पर थरूर के लेख से शुरू हुआ. 

थरूर ने लेख में बताया कि वंशवाद से राजनीति की गुणवत्ता कम होती है. भाजपा को मौका मिला और उसने कहा कि यह भाई भतीजावाद पर सीधा प्रहार है. कांग्रेस अभी आधिकारिक जवाब नहीं दे पाई है लेकिन उसके नेता बोल रहे हैं.

शशि थरूर ने क्या कहा?

थरूर ने लेख में कहा कि वंशवाद से शासन खराब होता है. उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक शक्ति योग्यता, प्रतिबद्धता या जमीनी स्तर पर जुड़ाव के बजाय वंश से निर्धारित होती है, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. यह विशेष रूप से तब समस्याग्रस्त हो जाता है जब उम्मीदवारों की मुख्य योग्यता उनका उपनाम हो. इससे साफ है कि थरूर भाई भतीजावाद को योग्यता पर भारी बता रहे हैं.

भाजपा इसे कांग्रेस के खिलाफ हथियार बना रही है. कांग्रेस के कई नेता थरूर की बात से सहमत नहीं दिखे. उदित राज ने कहा कि वंशवाद सिर्फ राजनीति में नहीं है. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, एक व्यापारी का बेटा व्यापार में लगा रहता है और राजनीति भी इसका अपवाद नहीं है. इसके अलावा, अगर किसी राजनेता की आपराधिक पृष्ठभूमि है, तो यह हमारे समाज की सच्चाई को दर्शाता है. चुनाव टिकट अक्सर जाति और पारिवारिक आधार पर बांटे जाते हैं.

कांग्रेस को मिला समर्थन

प्रमोद तिवारी ने गांधी परिवार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि नेतृत्व योग्यता से आता है. उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू इस देश के सबसे योग्य प्रधानमंत्री थे. इंदिरा गांधी ने अपने प्राणों की आहुति देकर खुद को साबित किया. राजीव गांधी ने अपने प्राणों की आहुति देकर इस देश की सेवा की. इसलिए, अगर कोई गांधी परिवार को एक राजवंश कहता है, तो भारत में किस परिवार में इतना त्याग, समर्पण और क्षमता थी जितनी इस परिवार में थी? क्या भाजपा में?राशिद अल्वी ने लोकतंत्र का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता फैसले लेती है. आप यह प्रतिबंध नहीं लगा सकते कि आप चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि आपके पिता सांसद थे. ऐसा हर क्षेत्र में हो रहा है. आप इसके लिए क्या रास्ता निकालेंगे? 

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