Sharmishtha Panoli: ऑपरेशन सिंदूर पर सांप्रदायिक टिप्पणी के आरोप में 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने देश-विदेश में हंगामा मचा दिया है. कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से उन्हें हिरासत में लिया. यूरोप से लेकर भारत तक, कई नेताओं ने उनकी रिहाई की मांग की है.
शर्मिष्ठा पनोली, पुणे की एक लॉ छात्रा और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर हैं. उनके पास 1.75 लाख फॉलोअर्स हैं. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में उन्होंने कुछ बॉलीवुड सितारों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया.
शर्मिष्ठा पनोली के वायरल वीडियो में कथित तौर पर एक समुदाय और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां थीं. वीडियो वायरल होने के बाद भारी विवाद हुआ. शर्मिष्ठा ने वीडियो हटाकर माफी मांगी. फिर भी, कोलकाता पुलिस ने 15 मई को गार्डन रीच थाने में एफआईआर दर्ज की. 30 मई की रात उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया. कोलकाता पुलिस ने दावों को खारिज किया कि गिरफ्तारी गैरकानूनी थी. उन्होंने कहा कि शर्मिष्ठा को कई नोटिस भेजे गए, लेकिन वे नाकाम रहे.
डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि शर्मिष्ठा को रिहा करो. पाकिस्तान और मुहम्मद के बारे में सच बोलने की सजा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी रिहाई की अपील की. वाइल्डर्स ने 2022 में नूपुर शर्मा का भी समर्थन किया था. बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सनातनियों के खिलाफ ही कार्रवाई होती है.
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया. उन्होंने कहा कि एक युवा हिंदू महिला को निशाना बनाया जा रहा है. कोर्ट से बाहर लाए जाते समय शर्मिष्ठा ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसा उत्पीड़न ठीक नहीं है. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताया. उनके वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने जमानत याचिका दायर की है. शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने टीएमसी पर चुनिंदा कार्रवाई का आरोप लगाया. सुवेंदु ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई न होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने महुआ मोइत्रा और फिरहाद हाकिम के उदाहरण दिए.