पंजाब अब सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की मिसाल बनता जा रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह साबित किया है कि अच्छे प्रशासन का असर सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह सीधे गांव की चौपाल, किसान के खेत और आम जनता तक महसूस किया जा सकता है.
तरनतारन से शुरू हुई 19,491 किलोमीटर लंबी ग्रामीण लिंक सड़कों की मरम्मत और निर्माण परियोजना सिर्फ सड़क बनाने का काम नहीं है. यह पंजाब के ग्रामीण जीवन में बदलाव, रोजगार के नए अवसर और विकास की गारंटी लेकर आई है. इस विशाल प्रोजेक्ट की कुल लागत 4,150.42 करोड़ रुपये है, जिसमें सड़क निर्माण और मरम्मत के साथ-साथ अगले पांच साल तक उनकी देखभाल भी शामिल है.
मुख्यमंत्री मान ने इस मौके पर कहा, "यह सिर्फ सड़कें नहीं हैं, बल्कि हर किसान, व्यापारी, छात्र और आम आदमी के जीवन में खुशहाली और सुविधा का रास्ता हैं. यह कारवां रुकने वाला नहीं है, क्योंकि यह मान साहब की गारंटी है."
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्वेक्षण का इस्तेमाल
सड़कों की मजबूती और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-टेंडरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्वेक्षण का इस्तेमाल किया गया. इससे न केवल काम की गुणवत्ता बढ़ी, बल्कि 383.53 करोड़ रुपये की बचत भी हुई. यह दिखाता है कि आधुनिक तकनीक का सही इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए कैसे किया जा सकता है.
ये सड़कें किसानों, युवाओं और आम लोगों के लिए विकास का नया रास्ता बन रही हैं. मजबूत सड़क नेटवर्क से किसान अपनी फसलें मंडियों तक जल्दी और सुरक्षित पहुंचाने में मदद पाएंगे. समय और मेहनत दोनों बचेंगे और उन्हें सही दाम भी मिलेगा. बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा भी दिया जाएगा. यह देश में सबसे अधिक मुआवज़ा है और सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है.
सड़क सुरक्षा को भी इस परियोजना में प्राथमिकता दी गई है. स्कूलों और सार्वजनिक जगहों के पास ज़ेब्रा क्रॉसिंग बनाई जाएगी, धुंध से बचाव के लिए सफेद किनारी पट्टियां लगाई जाएँगी और हर दो किलोमीटर पर साइन बोर्ड होंगे, जिससे लोग सही जानकारी प्राप्त कर सकें.
व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को गांवों के पास लाने में मदद
इस परियोजना से व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को गांवों के पास लाने में मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सड़कें अब केवल आवागमन का जरिया नहीं हैं, बल्कि गाँव और शहर के बीच की दूरी कम करने और लोगों की जिंदगी में सुधार लाने का माध्यम बन गई हैं.
मुख्यमंत्री मान ने विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि पारंपरिक पार्टियाँ अब जलन और ईर्ष्या में फंसी हुई हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के नौजवानों को नशे की दलदल में फंसाने वाले 'जरनैल' अब सलाखों के पीछे हैं. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के पुराने दावों की भी उन्होंने कड़ी निंदा की.