पंजाब में धान खरीद सीजन अपने चरम पर है और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में चल रही पहल के परिणामस्वरूप 12 नवंबर तक बड़ी संख्या में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ मिल चुका है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 11,31,270 किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा चुका है, जो इस बात का संकेत है कि सरकार खरीद प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए गंभीर है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री लाल चंद कटारूचक लगातार खरीद कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. उनकी देखरेख में मंडियों में धान की खरीद, फसल के उठान और भुगतान की गति तेज हुई है.
इस सीजन में पटियाला जिला विशेष रूप से आगे रहा है, जहां 96,920 किसानों को एमएसपी का लाभ मिल चुका है. यह संख्या राज्य के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है, जो यह दर्शाता है कि जिला प्रशासन ने खरीद प्रक्रिया को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
12 नवंबर की शाम तक मिले आंकड़ों से पता चलता है कि राज्यभर की मंडियों में कुल 1,54,78,162.41 मीट्रिक टन धान पहुंचा. इस आने वाली फसल में से लगभग पूरा धान खरीद एजेंसियों द्वारा उठाया जा चुका है. कुल 1,53,89,039.51 मीट्रिक टन धान की खरीद के साथ सरकार ने 99 प्रतिशत खरीद प्रक्रिया पूरी कर ली है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार ने न केवल खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि किसानों की सुविधा के अनुसार आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध कराया है.
खरीदी गई धान की उठान की बात करें तो इसमें भी सुखद प्रगति दर्ज की गई है. अब तक 1,41,09,483.18 मीट्रिक टन धान मंडियों से उठाकर निर्धारित स्थलों तक पहुंचाया जा चुका है. यह आंकड़ा कुल खरीदी गई फसल का 91 प्रतिशत है, जो उठान प्रक्रिया की तीव्रता को दर्शाता है. सामान्यतः उठान में देरी होने से किसानों और सरकार दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस बार प्रशासन ने समयबद्ध कार्रवाई पर जोर दिया है.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की दिशा में उठाए गए कदमों और विभागीय टीमों की सक्रियता के कारण इस वर्ष धान खरीद व्यवस्था काफी हद तक सुचारू और किसान हितैषी रही है. सरकार की ओर से दी जा रही समय पर भुगतान की सुविधा ने किसानों में विश्वास बढ़ाया है और मंडियों में सकारात्मक माहौल बना है.