'धान खरीद में कोई रुकावट नहीं, किसानों को समय पर भुगतान', मान सरकार की पहल से पंजाब के किसान खुश

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. पानी, शेड और बैठने की उचित व्यवस्था के साथ-साथ विशेष निगरानी भी रखी जा रही है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ी पहल की है. राज्य सरकार ने इस साल धान की फसल की खरीद पूरी तरह सुनिश्चित की है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि राज्य की सरकार धान के हर दाने की कीमत किसानों को देगी और किसी भी किसान की फसल का कोई हिस्सा नहीं छोड़ा जाएगा.

इस बार की खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आई. राज्य भर में स्थापित सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों की फसल तेजी से खरीदी जा रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि खरीद प्रक्रिया निरंतर और बिना किसी रुकावट के चले. इसके लिए पर्याप्त संख्या में खरीद एजेंसियों को तैनात किया गया है और हर केंद्र पर स्टाफ और सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. पानी, शेड और बैठने की उचित व्यवस्था के साथ-साथ विशेष निगरानी भी रखी जा रही है. अधिकारी रोज़ाना खरीद केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं और किसी भी शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है. जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहाँ किसान अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

सबसे अहम पहल यह रही कि किसानों को अब समय पर पूरा भुगतान मिल रहा है. धान बेचने के 48 घंटे के भीतर ही पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा हो जाता है. इससे पहले कई बार किसानों को महीनों इंतजार करना पड़ता था. डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से यह प्रक्रिया पारदर्शी और सुविधाजनक बन गई है, जिससे नकद लेनदेन की झंझट से भी मुक्ति मिली है.

मान सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान दिया है. पहले अक्सर कम फसल वाले किसानों को परेशानी होती थी, लेकिन अब उन्हें भी बराबर का सम्मान और सुविधा मिल रही है. चाहे किसान के पास केवल एक बोरी धान हो या सैकड़ों बोरी, हर किसान की फसल की खरीद की जा रही है.

तकनीकी पहल किसानों के लिए समय

खरीद केंद्रों पर भीड़ कम करने के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है. किसान अपनी बारी देखकर केंद्र पर आते हैं और आराम से फसल बेचकर लौट जाते हैं. इसके साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिससे किसान घर बैठे अपनी बारी और भुगतान की स्थिति जान सकते हैं. यह तकनीकी पहल किसानों के लिए समय और मेहनत दोनों की बचत साबित हुई है.

किसानों की प्रतिक्रिया इस पहल के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है. लुधियाना के हरपाल सिंह कहते हैं, “पहली बार ऐसा हुआ है कि हमें कोई तकलीफ नहीं हुई. सब कुछ बहुत सही तरीके से हुआ.” संगरूर के बलविंदर सिंह का कहना है, “मेरी फसल दो दिन में बिक गई और पैसा भी तीन दिन में मिल गया. यह बहुत बड़ी बात है.”

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के किसान राज्य के असली अन्नदाता हैं. उनकी मेहनत का पूरा मूल्य उन्हें मिलना चाहिए और यही हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार लगातार ऐसे कदम उठाती रहेगी जिससे किसानों की समृद्धि बढ़े. उनका कहना था, “पंजाब की सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है. किसानों की खुशहाली ही राज्य की खुशहाली है.”

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तरह की व्यवस्थित और पारदर्शी खरीद प्रक्रिया लगातार जारी रही, तो पंजाब के किसानों का भविष्य उज्जवल होगा. इस बार की खरीद प्रणाली ने न केवल किसानों को वित्तीय सुरक्षा दी है, बल्कि उन्हें मानसिक राहत भी दी है.

किसानों के जीवन में स्थायी सुधार ला सकती

इस पहल के तहत सरकार ने न केवल बड़े किसानों बल्कि छोटे और सीमांत किसानों की भी फसल खरीदी. ऑनलाइन पोर्टल, टोकन सिस्टम और डिजिटल भुगतान जैसी आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से खरीद प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाया गया है. किसानों का कहना है कि इस तरह की सुविधा पहले कभी नहीं मिली.

मान सरकार का यह कदम पंजाब के किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ है. इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार किसान हितैषी नीतियों पर ठोस कार्य कर रही है. इस पहल से किसानों को समय पर भुगतान, सुचारू खरीद व्यवस्था और सरकारी समर्थन मिला है. ऐसे कदम किसानों की मेहनत और उनके उत्पादन की उचित कीमत सुनिश्चित करने में मदद करते हैं.

कुल मिलाकर, भगवंत मान सरकार ने यह साबित किया है कि वह किसानों के साथ खड़ी है और उनके हितों की रक्षा करना उसकी प्राथमिकता है. इस तरह की योजनाएं पंजाब के किसानों के जीवन में स्थायी सुधार ला सकती हैं और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकती हैं.

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