Asia Cup Final: दुबई में रविवार को हुए एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने थीं. यह मैच न केवल खेल के लिए, बल्कि विवादों के लिए भी चर्चा में रहा. भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के प्रमुख मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया. इस कदम ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. पुरस्कार समारोह एक घंटे से अधिक देरी से शुरू हुआ और कटुता के माहौल में खत्म हुआ.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सलमान अली आगा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी टीम ने फैसला किया है कि हम अपनी मैच फीस भारत के ऑपरेशन सिंदूर से प्रभावित नागरिकों और बच्चों को दान करेंगे. ऑपरेशन सिंदूर अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू की गई सैन्य कार्रवाई थी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. आगा का यह कदम खेल भावना को दर्शाता है.
इससे पहले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने घोषणा की थी कि वह अपनी पूरी मैच फीस देश के सशस्त्र बलों और पहलगाम हमले के पीड़ितों को दान करेंगे. दोनों कप्तानों के इस फैसले से यह साफ है कि क्रिकेट केवल खेल नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है. पाकिस्तान के कप्तान आगा ने भारतीय टीम के ट्रॉफी न लेने के फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत ने हाथ न मिलाकर हमारा नहीं, बल्कि क्रिकेट का अपमान किया है. अच्छी टीमें ऐसा नहीं करतीं. आगा ने बताया कि उनकी टीम ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और ट्रॉफी के साथ फोटोशूट के लिए गई. उन्होंने कहा कि हमने अपने पदक लिए और ट्रॉफी के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. भारत का व्यवहार अपमानजनक था.
पुरस्कार वितरण समारोह में देरी और तनाव साफ दिखाई दिया. मेजबान प्रसारक साइमन डूल ने घोषणा की कि भारतीय टीम ने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. भारत के कुलदीप यादव, अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों से पुरस्कार लिए, लेकिन एसीसी अध्यक्ष नकवी से नहीं. नकवी ने भी भारतीय खिलाड़ियों की सराहना नहीं की. बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने बाद में स्पष्ट किया कि भारत ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार किया, क्योंकि वह पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं. एशिया कप का यह फाइनल खेल से ज्यादा विवादों के लिए याद रखा जाएगा.