रोजाना कितने अंडे खाना सुरक्षित? जानिए क्या कहती है नई स्टडीज

अंडे को कम्प्लीट प्रोटीन कहा जाता है, क्योंकि इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड मौजूद होते हैं. अंडा बॉडी टिशूज़ को बनाने और रिपेयर करने में मदद करता है. साथ ही मसल्स को स्ट्रेंथ देता है और मेटाबॉलिज़्म को सपोर्ट करता है.

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प्रोटीन की ज़रूरत होते ही ज़्यादातर लोग सबसे पहले अंडों को चुनते हैं. चाहे ब्रेकफ़ास्ट पसंद करने वाले हों या जिम जाने वाले, मसल्स रिकवरी और न्यूट्रिशन के लिए अंडों पर भरोसा किया जाता है. तेज़ी से पोषण देने वाले इस फूड को कई लोग अपनी रोज़ की डाइट में शामिल करते हैं.

इसी बीच एक बड़ा सवाल सामने आता है कि रोज़ाना कितने अंडे खाना सुरक्षित है? इस पर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स और लेटेस्ट रिसर्च ने दिलचस्प तथ्य बताए हैं.

अंडे को प्रोटीन का पावरहाउस क्यों माना जाता है?

अंडे को कम्प्लीट प्रोटीन कहा जाता है, क्योंकि इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड मौजूद होते हैं. अंडा बॉडी टिशूज़ को बनाने और रिपेयर करने में मदद करता है. साथ ही मसल्स को स्ट्रेंथ देता है और मेटाबॉलिज़्म को सपोर्ट करता है. स्टडीज़ के अनुसार, अंडे का अमीनो एसिड स्कोर 100 है, यानी इसे शरीर बेहद आसानी से इस्तेमाल कर लेता है. इसका नेट प्रोटीन यूटिलाइज़ेशन व्हे प्रोटीन भी पीछे छोड़ देता है. यही कारण है कि अंडे मसल्स बिल्डिंग और ओवरऑल मेटाबॉलिक हेल्थ के लिए बेहद फायदे माने जाते हैं.

अंडे के सेवन पर क्या कहती है रिसर्च ?

अलग-अलग स्टडीज़ में अंडे की संख्या को लेकर भिन्न मत मिले हैं. EAT-लैंसेट डाइट हफ़्ते में लगभग 1.5 अंडे खाने की सलाह देती है. वहीं 19,000 बड़ों पर हुई एक नई स्टडी में पाया गया कि जो लोग रोज़ाना 1.5 अंडे खाते हैं, उनकी हड्डियाँ ज़्यादा मजबूत होती हैं. एक उबले या पोच्ड अंडे में करीब 5.5 ग्राम प्रोटीन होता है. इसके अलावा, अंडे मिनरल्स, अच्छे फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का बढ़िया स्रोत हैं. ये आंखों की सेहत सुधारते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करने में मदद करते हैं. अंडों को उबालकर, पोच्ड या स्क्रैम्बल्ड रूप में खाना सबसे अच्छा माना जाता है.

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