H-1B वीजा के लिए क्या कहता है डोनाल्ड ट्रंप का नया नियम? आज से होगा लागू

अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर हाल ही में भ्रम की स्थिति बनी थी. कई भारतीय पेशेवर यह सोचकर चिंतित थे कि क्या उन्हें अमेरिका लौटने के लिए एक लाख डॉलर का शुल्क देना होगा. जिसके बाद अमेरिकी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल नए H-1B वीजा आवेदनों पर लागू होगा. 

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: X Screen Grab (@hindus47)

H-1B Visa: अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर हाल ही में भ्रम की स्थिति बनी थी. कई भारतीय पेशेवर यह सोचकर चिंतित थे कि क्या उन्हें अमेरिका लौटने के लिए एक लाख डॉलर का शुल्क देना होगा. इस पर अमेरिकी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल नए H-1B वीजा आवेदनों पर लागू होगा. 

व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण जारी करते हुए इस नए नियम के बार में स्थिति साफ कर दिया है. मौजूदा वीजा धारकों या नवीनीकरण पर यह शुल्क नहीं लगेगा. यह खबर भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है.

व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने दी जानकारी 

प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने X पर पूरे नियम के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि यह शुल्क वार्षिक नहीं, बल्कि एकमुश्त है और केवल नए आवेदनों पर लागू होगा. साथ ही यह भी बताया कि मौजूदा H-1B वीजा धारकों को दोबारा प्रवेश के लिए एक लाख डॉलर नहीं देना होगा. साथ ही यह भी बताया कि नियम केवल नए वीजा पर लागू होगा, नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर नहीं लागू किया जाएगा. इस पोस्ट का मतलब है कि मौजूदा वीजा धारक बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अमेरिका लौट सकते हैं. यह नियम अगले लॉटरी चक्र से लागू होगा. ट्रंप प्रशासन के अचानक बदले नियमों के बाद माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, मेटा और जेपी मॉर्गन जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नोटिस जारी किए. इनमें कर्मचारियों से 21 सितंबर, रात 12:01 बजे (पूर्वी मानक समय) से पहले अमेरिका लौटने को कहा गया था. कंपनियों को डर था कि समय सीमा चूकने पर कर्मचारी फंस सकते हैं. लेकिन व्हाइट हाउस के स्पष्टीकरण ने इस चिंता को दूर कर दिया.

H-1B वीजा क्या है? 

H-1B वीजा अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है. यह वीजा शुरुआत में तीन साल के लिए जारी होता है, जिसे अगले तीन साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के आंकड़ों के अनुसार, H-1B वीजा में भारतीयों की हिस्सेदारी 71% है. भारत इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है. ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की कि नए H-1B वीजा के लिए एक लाख डॉलर का शुल्क लगेगा. वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि तीन साल की अवधि में कुल लागत तीन लाख डॉलर होगी. पहले यह शुल्क 2,000 से 5,000 डॉलर के बीच था. राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि H-1B कार्यक्रम का दुरुपयोग हुआ है. उनका दावा है कि कुछ कंपनियां कम वेतन वाले कर्मचारियों को लाकर अमेरिकी श्रमिकों के अवसर छीन रही हैं. भारत के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण है. भारतीय आईटी कंपनियां और पेशेवर इस कार्यक्रम पर निर्भर हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि नए नियमों से परिवारों को परेशानी हो सकती है.

Tags :