बांग्लादेश इन दिनों भारी उथल-पुथल का शिकार है. युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इन प्रदर्शनों में हिंसा बढ़ गई है. गुस्साई भीड़ ने कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की.
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार रात टीवी पर राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि जुलाई विद्रोह के नायक शरीफ उस्मान हादी अब इस दुनिया में नहीं हैं. हादी को ढाका में गोली मारी गई थी. सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
हिंसा के बीच मेमेन्सिंघ में एक दुखद घटना हुई. एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. आरोप था कि उन्होंने ईशनिंदा की. भीड़ ने शव को पेड़ से बांधकर आग लगा दी. अंतरिम सरकार ने इसकी कड़ी निंदा की. बयान में कहा गया कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं. इस क्रूर अपराध में शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार ने सभी से हिंसा, उकसावा और नफरत त्यागने की अपील की.
प्रदर्शनों में गुस्साई भीड़ ने प्रमुख अखबारों पर हमला किया. प्रोथोम आलो और डेली स्टार के कार्यालयों में तोड़फोड़ हुई. आग लगा दी गई. स्टाफ अंदर था, लेकिन सभी सुरक्षित बच गए. प्रदर्शनकारियों ने इन अखबारों पर भारत से मिले होने का आरोप लगाया. सरकार ने पत्रकारों से एकजुटता जताई. उन्होंने कहा कि हम आपके साथ हैं. आपको हुए आतंक के लिए दुखी हैं. पत्रकारों पर हमला सच्चाई पर हमला है. पूरा न्याय दिलाएंगे.
हादी की मौत के बाद ढाका समेत कई शहरों में प्रदर्शन हुए. लोग भावुक नारे लगा रहे थे, न्याय की मांग कर रहे थे. कई जगहों पर तनाव बना हुआ है. आगे हिंसा रोकने के लिए अतिराश पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई. सरकार ने सभी नागरिकों से शांति की अपील की. कहा कि यह महत्वपूर्ण समय है. लोकतंत्र की रक्षा करें. हिंसा से देश कमजोर होगा. बांग्लादेश फिलहाल नाजुक दौर से गुजर रहा है. अंतरिम सरकार हिंसा रोकने और न्याय सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है. लोग शांति बनाए रखें, तभी देश आगे बढ़ सकता है.