Israel Iran War: ईरान ने अमेरिका द्वारा मध्यस्थता वाले इजरायल के साथ अस्थायी युद्धविराम पर संदेह जताया है. ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ अब्दोलरहीम मौसवी ने कहा कि हमें युद्धविराम पर दुश्मन की प्रतिबद्धता पर गंभीर संदेह है. उन्होंने सऊदी रक्षा मंत्री से फोन पर बातचीत में यह बात कही. मौसवी ने चेतावनी दी कि अगर हमले दोबारा शुरू हुए, तो ईरान कड़ा जवाब देगा. यह युद्धविराम 24 जून को शुरू हुआ था, लेकिन दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया.
यह तनाव 13 जून को इजरायली हमले से शुरू हुआ. इस हमले में कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य और परमाणु अधिकारी मारे गए. इजरायल ने तेहरान सहित कई शहरों में सैन्य और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया. इसके जवाब में, अमेरिका ने भी ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी की. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु ढांचे को पूरी तरह नष्ट कर दिया. इस संघर्ष ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया और क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर युद्धविराम की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि इजरायल और ईरान 12 घंटे के लिए युद्धविराम पर सहमत हुए हैं. ट्रंप ने इसे '12 दिवसीय युद्ध' का अंत बताया. उन्होंने लिख कि यह युद्ध मध्य पूर्व को नष्ट कर सकता था, लेकिन अब शांति का मौका है. ट्रंप ने दोनों देशों को साहस और बुद्धिमत्ता के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह शांति मध्य पूर्व और दुनिया के लिए वरदान होगी. युद्धविराम शुरू होने के बाद भी दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया. इजरायल ने फिर से ईरानी शहरों पर हमले किए. ट्रंप ने दोनों देशों से बमबारी रोकने की अपील की, जिसके बाद युद्धविराम फिर शुरू हुआ. ईरान ने बताया कि इजरायली हमलों में 627 लोग मारे गए. वहीं, इजरायल ने कहा कि ईरानी हमलों में 28 लोग मरे और 1,300 से ज्यादा घायल हुए.
ट्रंप ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि इजरायल और ईरान ने शांति की मांग की. दोनों देशों का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है. उन्होंने दोनों देशों को धर्म और सत्य के रास्ते पर चलने की सलाह दी. लेकिन ईरान का संदेह और इजरायल के साथ तनाव शांति की राह में चुनौती बने हुए हैं. वैश्विक समुदाय इस युद्धविराम पर नजर रखे हुए है. ट्रंप की मध्यस्थता ने शांति की उम्मीद जगाई, लेकिन दोनों देशों के बीच अविश्वास बरकरार है. ईरान की चेतावनी और इजरायल के हमले तनाव को बढ़ा सकते हैं.