'H-1B वीजा पर ट्रंप का आदेश से पुराने लोगों को डरने की जरूरत नहीं'! अमेरिकी अधिकारी के बयान से भारतीय पेशेवरों को राहत

भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए अच्छी खबर! अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को साफ किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का H-1B वीजा शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर करने का आदेश केवल नए आवेदनों पर लागू होगा.

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Courtesy: X (Star Brief)

H-1B Visa Fees: भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए अच्छी खबर! अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को साफ किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का H-1B वीजा शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर करने का आदेश केवल नए आवेदनों पर लागू होगा. मौजूदा H-1B वीजा धारकों का इस आदेश से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया कि जो लोग पहले से H-1B वीजा का लाभ ले रहे हैं, उन्हें एक लाख डॉलर का शुल्क नहीं देना होगा. यह नियम केवल नए आवेदकों पर लागू होगा. इस स्पष्टीकरण ने हजारों भारतीय पेशेवरों को राहत दी है.

ट्रंप के इस आदेश के बाद अमेरिका के कई हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मच गई थी. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में हवाई अड्डों पर लंबी कतारें और भ्रम की स्थिति दिखाई दी. अमेज़न, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से 21 सितंबर से पहले अमेरिका लौटने को कहा था. कई कर्मचारी इस आदेश से चिंतित थे, लेकिन अब मौजूदा वीजा धारकों के लिए स्थिति साफ हो गई है.

ट्रंप ने क्यों लिया यह फैसला?  

राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने के अपने फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि इस वीजा का दुरुपयोग अमेरिका के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बन गया है. ट्रंप ने अपने आदेश में कहा कि H-1B वीजा के गलत इस्तेमाल ने अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरियों से वंचित किया है. इससे देश की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा कमजोर हुई है. उनका मानना है कि शुल्क बढ़ाने से इस दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. इस आदेश का सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की आशंका है. भारत ने इस पर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ट्रंप के आदेश के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह आदेश मानवीय परिणाम ला सकता है. हम अमेरिकी प्रशासन से इसे उचित तरीके से संभालने की अपील करते हैं. उन्होंने जोड़ा कि भारतीय पेशेवरों ने अमेरिका और भारत दोनों में तकनीकी विकास, नवाचार और आर्थिक प्रगति में बड़ा योगदान दिया है.

क्या है भारत की राय?

भारत ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका इस मामले में दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखेगा. जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध हैं. नीति निर्माताओं को इन संबंधों और आपसी लाभों को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए. इस बीच, भारतीय पेशेवरों को सलाह दी गई है कि वे आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें और घबराएं नहीं. मौजूदा H-1B वीजा धारकों के लिए यह राहत की खबर है, लेकिन नए आवेदकों को अब ज्यादा शुल्क का सामना करना पड़ेगा.

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