World Ocean Day: विश्व महासागर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है. यह दिन महासागरों की अहमियत को रेखांकित करता है. 2025 में यह दिवस और भी खास है. जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण की चुनौतियाँ बढ़ रही हैं. इस साल का विषय 'हमारे महासागर और जलवायु के लिए कार्रवाई को उत्प्रेरित करना' है. यह लोगों और सरकारों से महासागरों की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील करता है.
महासागर पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत हिस्सा कवर करते हैं. ये जीवन का आधार हैं. ये 25 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं. दुनिया की आधी से ज्यादा ऑक्सीजन भी महासागर बनाते हैं. मौसम को नियंत्रित करने से लेकर समुद्री जीवों की रक्षा तक, महासागर हमारे जीवन का हिस्सा हैं. तीन अरब से ज्यादा लोग आजीविका के लिए महासागरों पर निर्भर हैं. ये भोजन, ऊर्जा और परिवहन का स्रोत हैं.
महासागरों को कई खतरे झेलने पड़ रहे हैं. अत्यधिक मछली पकड़ना, प्लास्टिक प्रदूषण और कोरल ब्लीचिंग बड़ा संकट हैं. समुद्र का बढ़ता स्तर भी चिंता बढ़ा रहा है. ये खतरे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं. तटीय और द्वीपीय देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. महासागरों का संरक्षण अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे 2008 को मान्यता दी गई. तब से यह वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है. यह दिन महासागरों की सुंदरता का जश्न मनाता है. साथ ही, यह संरक्षण के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है. स्कूल, समुदाय और सरकारें इस दिन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती हैं. समुद्र तटों की सफाई और नीति चर्चाएँ भी होती हैं.
विश्व महासागर दिवस लोगों को जागरूक करता है. यह प्लास्टिक का उपयोग कम करने की सलाह देता है. संधारणीय समुद्री भोजन चुनने की बात करता है. हर व्यक्ति छोटे-छोटे कदम उठाकर मदद कर सकता है. जैसे, प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े के थैले इस्तेमाल करना. समुद्र तटों की सफाई में हिस्सा लेना. सरकारों को भी नीतियाँ बनाने की जरूरत है. वैश्विक सहयोग से ही महासागरों को बचाया जा सकता है.
World Ocean Day: विश्व महासागर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है. यह दिन महासागरों की अहमियत को रेखांकित करता है. 2025 में यह दिवस और भी खास है. जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण की चुनौतियाँ बढ़ रही हैं. इस साल का विषय 'हमारे महासागर और जलवायु के लिए कार्रवाई को उत्प्रेरित करना' है. यह लोगों और सरकारों से महासागरों की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील करता है.
महासागर पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत हिस्सा कवर करते हैं. ये जीवन का आधार हैं. ये 25 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं. दुनिया की आधी से ज्यादा ऑक्सीजन भी महासागर बनाते हैं. मौसम को नियंत्रित करने से लेकर समुद्री जीवों की रक्षा तक, महासागर हमारे जीवन का हिस्सा हैं. तीन अरब से ज्यादा लोग आजीविका के लिए महासागरों पर निर्भर हैं. ये भोजन, ऊर्जा और परिवहन का स्रोत हैं.
महासागरों को कई खतरे झेलने पड़ रहे हैं. अत्यधिक मछली पकड़ना, प्लास्टिक प्रदूषण और कोरल ब्लीचिंग बड़ा संकट हैं. समुद्र का बढ़ता स्तर भी चिंता बढ़ा रहा है. ये खतरे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं. तटीय और द्वीपीय देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. महासागरों का संरक्षण अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे 2008 को मान्यता दी गई. तब से यह वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है. यह दिन महासागरों की सुंदरता का जश्न मनाता है. साथ ही, यह संरक्षण के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है. स्कूल, समुदाय और सरकारें इस दिन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती हैं. समुद्र तटों की सफाई और नीति चर्चाएँ भी होती हैं.
विश्व महासागर दिवस लोगों को जागरूक करता है. यह प्लास्टिक का उपयोग कम करने की सलाह देता है. संधारणीय समुद्री भोजन चुनने की बात करता है. हर व्यक्ति छोटे-छोटे कदम उठाकर मदद कर सकता है. जैसे, प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े के थैले इस्तेमाल करना. समुद्र तटों की सफाई में हिस्सा लेना. सरकारों को भी नीतियाँ बनाने की जरूरत है. वैश्विक सहयोग से ही महासागरों को बचाया जा सकता है.